Menu
blogid : 20725 postid : 931067

विपक्ष की नकारात्मक भूमिका में कांग्रेस

NAV VICHAR
NAV VICHAR
  • 157 Posts
  • 184 Comments

किसी भी विकसित या विकासशील देश के समुचित विकास के लिए एक सक्रीय और सकारात्मक विपक्ष की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है . पर ऐसा लगता है कि वर्तमान में अपने देश में ऐसा कुछ नहीं है . क्योंकि वर्तमान विपक्षी पार्टी कांग्रेस सकारात्मक सोच और रचनात्मकता के विपरीत ऐसे मुद्दों को ढूढ़ने में लगी है जिससे संसद के आगामी मानसून सत्र में अवरोध उत्पन्न किया जाये . इतना ही नहीं वे पार्टी से ऊपर उठ कर व्यक्तिगत आरोपों और प्रत्यारोपों में अपना समय जाया कर रही है . केवल कांग्रेस ही नहीं वरन अन्य छोटे विपक्षी दाल भी यही राह अपनाये हुए है . इस समय कांग्रेस ने जिन मुद्दों को पकड़ रक्खा है उनमे सबसे ज्वलंत है ललित मोदी प्रकरण . लेकिन इस मुद्दें पर भी कांग्रेस के विचार स्पष्ट नहीं है वरन उसने इस विषय में दोहरे मापदंड अपना रक्खे है . जब ललित मोदी ने सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे का नाम लिया था तो कांग्रेस ने इनके खिलाफ इसे गंभीर आरोप मानते हुए बहुत हंगामा किया और इस्तीफे तक कि मांग कर डाली थी और वहीँ जब इस प्रकरण में कांग्रेस के कुछ लोगों के साथ गांधी परिवार के सदस्यों का नाम आने लगा तो उन्होंने इसे ललित मोदी के झूठ का पुलिंदा बता डाला .
एक बात और है , कांग्रेस के इस मुद्दे में एक और झोल है और वह ये की ललित मोदी ने जिस वर्ष आई पी एल का यह घोटाला किया था और बाद में लन्दन में शिफ्ट हुए थे तो सरकार कांग्रेस की ही थी . अब ये सवाल उठना लाज़मी है कि उस वक्त कांग्रेस ने उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं की. इस प्रकरण को लेकर संसद में गतिरोध पैदा करने की तयारी में लगी कांग्रेस अपने विपक्ष की भूमिका से दूर भाग रही है .
अब तो इस बात का भ्रम होने लगा है कि कांग्रेस जनता के बीच अपनी खोई लोकप्रियता बचाने के प्रयास में ऐसे गड़े मुर्दों को उखाड़ रही है जिससे जनता का कोई सरोकार नहीं है और न ही कांग्रेस को जनता से जुड़ने का कोई मौका . वर्तमान केंद्र सरकार की अच्छी बुरी योजनाओं का विरोध करना , छोटी छोटी कमियों को बड़ा मुद्दा बनाना कांग्रेस की नकारात्मक विचारधारा का परिचायक है . वास्तव में अपनी जमीन खो चुकी कांग्रेस किसी ऐसे मुद्दे की तलाश में है जिससे वो जनता से सीधे तौर पर जुड़ सके पर ऐसा हो नहीं पा रहा . कांग्रेस में इस समय गुटबाज़ी चरम पर प्रतीत होती है . अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी की ताजपोशी को लेकर चल रही कवायद का जो हश्र हो रहा है वो जनता से छुपा नहीं है . वास्तव में कांग्रेस के कुछ लोग राहुल के गरम विचार से डर भी रहे है की कही उनकी ताजपोशी से पार्टी का रहा सहा जनाधार भी खिसक न जाये . अब उनकी ताजपोशी शायद बिहार के चुनाओ के बाद हो पाये. कुल मिलाकर कांग्रेस का नकारात्मक रवैया देश के स्वस्थ विकास की गति को ब्रेक लगाने वाला ही है . उन्हें विपक्ष की अपनी भूमिका को लेकर गंभीरता से विचार करना होगा .

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh