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अच्छा..पार्टी का धंधा

sach mano to
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अगर आप में है दम। कुछ कर गुजरने का जोश, जुनून, एक ताकत वो वायरस जिसका हमें, पूरे देश को है इंतजार , एक तलाश तो हम देंगे आपको मंच, एक बेहतरीन अवसर, देश सेवा करने का भरपूर, सुनहरा, सुरक्षित मौका। वन टू का फोर… एक बंपर ऑफर। बस, कहीं जाइएगा मत। चिपके रहिए हमारे साथ। एडमिशन शुरु है। बेरोजगार, होनहार भाई-बहन ध्यान दें। बुजुर्ग भी चलेंगे, बने रहेंगे हमारे साथ। दौड़ेंगे रन बनाएंगे इस टीम में। पात्रता सिर्फ पचीस से पैसठ वर्ष। अब डरने की जरूरत नहीं। कोई चिकचिक, हड़बड़ी नहीं। अब है आपकी बारी। हनुमान छाप खैनी खाइए और किसी की भी जमीन पर खड़े हो जाइए। सब आपका है। पार्टी आपकी है। हम-सब आपके हैं। सभी जागरुक महिला-पुरुष, नौजवानों से सार्वजनिक अनुरोध, एक स्वस्थ निवेदन, अपील, आह्वान। अगर आपमें नहीं है कोई दाग तो हमारा है ऐलान हम हैं हमेशा आपके साथ। ईमानदार, स्वच्छ,कर्मठ जनप्रतिनिधि बनने का है आपको शौक तो देर मत करें, आगे आएं। आने वाला कल, पंचायत, विधानसभा व लोकसभा चुनाव
कर रहा है आपका इंतजार। हमसे पाइए टिकट, लडि़ए चुनाव कीजिए जीत का दीदार दर्ज। इसके लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं। घर बैठे कीजिए हमसे संपर्क। हम बनाएंगे आपको नेता। बस, सिलवा लीजिए एक अदद खद्दर का कुर्ता। हम देंगे आपको गांधी टोपी पहनने का हक। मौन तोडि़ए। आने वाला चुनाव आपकी राह देख रहा है। खुला आमंत्रण है। हम करेंगे आपको हर तरीके से मदद। आपकी जीत हमारी होगी। बस शर्त यही, आप आम आदमी हों। जो आप हैं ही। फिर देर किस बात की। आइए, खुल गया है भर्ती का पिटारा। शामिल हो जाइए इस फोर टूका वन में…।
लो, अब एक और पार्टी को झेलो। गिनती करो, रट्टा मारो, लगाओ। देश में कितनी पार्टियां हैं। उनका चुनाव चिह्न क्या है। मेनिफेस्टो, सोच। उसका मिलान अपनी कुंडली से करो। कौन सी पार्टी को राहु निगल रहा। शनि किस पर हावी है। केतु की महादशा किस पर है। घर बैठे, खेतों में सोते, उठते, काम करते, खोंमचा लगाते, ठेला-रिक्शा चलाते। सब्जी बेचते, दूध पहुंचाते। रोटी पकाते, बनाते, उसे परोसते, खिलाते, खाते जरा सोचो। शिद्दत के बाद एक पार्टी तुम्हारे बीच है। जिसके नेता तुम हो। तुम्हारे बीच का तुम्हारा खास,अपना नेता होगा वो भी देश स्तर का। वह घोटाले नहीं करेगा। देश की जमीर, जमीन नहीं बेचेगा। उसके पास स्विस बैंक क्या किसी देसी बैंक में भी खाते नहीं होंगे। वह 2जी, 3जी नहीं खाएगा। चारे नहीं चबाएगा। बोफोर्स की दलाली नहीं करेगा। वह जनता की पैसे को कदापि नहीं डकारेगा। वह सुखराम नहीं होगा। ना ही अटल-सोनिया का कोई दामाद होगा। वह मुरली मनोहर, गडकरी, अंबानी बंधु, मोदी, यशवंत, चिदंबरम, कलमांडी नहीं होगा। वह जेठमलानी होगा।
सच्ची बात कहेगा, बकेगा और सूली पर लटकेगा, झूल जाएगा। नहीं…नहीं…। वह आम आदमी होगा। तुम्हारे बीच का हम सब के बीच का। वही रुदला, वही बेचना, वही रामलखन, वही सदरे, वही सेवका जो कलतलक खेतों में हल चलाता था। रिक्शे पर सवारी को खींचता, दिनभर की मजदूरी कर शाम को दारू पीकर घर लौटता था। पत्नी को पिटता था या फिर बच्चे पैदा करने में लग,जुट जाता था। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। अब वह दारू नहीं व्हीस्की चुसकेगा वो भी क्लब में बैठकर। पत्नी को डांस फ्लोर पर उतारेगा। बच्चे कान्वेंट की भाषा बोलेंगे। घबराने की जरूरत नहीं। अब आम आदमी हमारे साथ है। वही पोल पर खड़ा होकर बिजली ठीक करेगा। संसद में दहाड़ेगा। लोकपाल लाएगा। यही एकमात्र पार्टी है जो राजघाट भी जाएगा और अंबेडकर मेमोरियल में आंसू भी बहाएगा। भारत मां ने न जाने किस कोख में अब तक छुपा रखे थे ऐसे नूर को। इससे पहले भी पार्टियां बनीं, टूटी। मगर इस बार पेट भरने नहीं खाली रखने का समय है। शरीर से कपड़े उतार लो। धरना-अनशन की तैयारी करो। अरे, चंदा वसूलने नंगे नहीं जाओगे तो सर्वदलीय बैठक की तरह खुद को बेनतीजा ही पाओगे। पेट की एफडीआइ को भरोगे तभी महंगाई की मारी, सहमी, लाचार जनता के लिए कुछ कर सकोगे। तय है, खेत पर काम कर रहा आम आदमी वही अपना गोरकू, कमला, मुसवा, बिकाउ को कोई पकड़कर, धमकी, बलात वोट डलवाने अब नहीं ले जा सकेगा। गोलियां अब जीत के बाद दनदनाएगी। कोई बूथ नहीं लूट सकेगा। सौ फीसदी मतदान का रिकार्ड बनेगा। अब अपना पार्टी जो है। सब मनमर्जी से जिएंगें। देश का हर नागरिक, बच्चा राजनीति के केंद्र में होगा। अन्ना की वह चाल जिसमें कभी अरविंद पास कभी दूर का खेल अब देश में नहीं खेला, दोहराया जाएगा। देश का हर भगत सिंह कसाब की तरह आधुनिक स्वीच से फांसी पर नहीं लटकेगा। घरों में अब प्लास्टिक के दरवाजे नहीं लगेंगे। सोफा सेट अब फाइबर का नहीं चलेगा। लकड़ी युग में फिर से जिंदा होगा देश। किसानी खेती करेंगे। बढ़ई पुरानी, पुश्तैनी धंधे में वापस लौट आएंगे। भ्रष्टाचार का अंत करने, यज्ञ की हंडी गरम करने अन्ना अब कभी वापस नहीं आएंगे। अरे जिन आम आदमियों के लिए अन्ना ने आहुति जलाई उसी की पैदाइश आम आदमी पार्टी आज हवन कुंड में आम को खास बनाने पर आमादा, जलने को विवश कर रहा है। संभल जाओ… या बीपीएलधारी बनकर घर बैठे तीन से चार हजार कमाओ, आराम से।
अंत में, अगर आपकी पत्नी सकुशल हैं। पढ़ी-लिखी हैं। छल-प्रपंच प्रबंधन की कोर्स पूर्व में कर चुकी हैं। तो आप बन जाइए ओबामा। घर में आर्थिक सुधार के लिए कर दीजिए अपनी मिशेल को आगे.. अपनी जीत का श्रेय उन्हें ही लेने दीजिए। याद रखिए, बहुत अच्छा है ये पार्टी का धंधा। बस, लॉगइन कीजिए, हमारा पता है-आप @ सावधान इंडिया डॉट कॉम…।

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