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एसएमएस का मौसम

sach mano to
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विकीलीक्स का नया खुलासा। एसएमएस का मौसम आ गया है। भारत में हर रोज प्रधानमंत्री के नये दावेदार, चेहरे एसएमएस के जरिए सामने आ रहे हैं। होड़ में कई लोग शामिल होकर सेंट आइटम में आ चुके हैं। कई लोग मंूछ की सेटिंग व पगड़ी की फिटिंग्स पर ध्यान देते हुए क्रिएट मैसेज में आ चुके हैं। रामलाल, श्यामलाल, मोहनलाल होड़ में हैं तो मुकुंदी लाल, चुकन्दरलाल, फफूदीलाल रेस में नहीं हैं। कई लोग यात्रा पर निकल गए हैं। कुछ लोग उपवास से अभी-अभी लौटे हैं मोबाइल डिस्चार्य कराकर, थके-हारे। कुछ लोग जाने, बैठने की तैयारी में राइट मैसेज में जाकर अपना बीपी टेस्ट करवा रहे हैं। कुछ खा-पी लें, चार्ज हो जाएं, फिर बैठें तीन दिवसीय उपवास पर। अभी-अभी निकले हैं आरएसएस मुख्यालय से बाहर मि.फफूदीलाल। फफूदीलाल, पिछले कई चुनाव से प्रधानमंत्री बनने के लिए एसएमएस भेज रहे हैं। खुद को कई बार दावेदार बताया पर देश के लोगों ने एसएमएस को रिजेक्ट कर दिया। बेचारे फफूदीलाल, पूरे देश में सभाएं की। बड़े-बड़े कलंदर को चुनाव प्रचार में उतारा पर जनता को इनका एसएमएस कहां मंजूर। आउट बाक्स में चले गए। हर बार रिसीव करने से पहले ही लोगों ने उन्हें डिलीट कर दिया। अब बेचारे मिस्ड कॉल की तरह पड़े हैं। इससे पहले कि लोग फिर उन्हें रिसीव करने से पहले स्विच ऑफ कर दे उन्होंने मैसेज बॉक्स में फिर से जाने का मन बना लिया है। घर-घर एसएमएस भेजने के लिए बैट्री चार्ज करा लिया है। अभी-अभी उनका पहला एसएमएस नागपुर से आया है। आरएसएस मुख्यालय से एसएमएस जारी करते फफूदीलाल भावुक हो उठे हैं। लिखा है-वे पहले पायजामा उतार दल में स्वयंसेवक बने फिर धोती खोल के सदस्य बने। आजकल टोपी खोल-उतार दल के सदस्य हैं। ऐसे में उनका अनुभव देश से भी ज्यादा है। वे अनुभवी, समाजसेवी एसएमएस चिंतक हैं लेकिन लोगों को समझ नहीं आ रही। इन दलों में रहते हुए कार्यकर्ताओं ने उन्हें जो सम्मान दिया, वह प्रधानमंत्री जैसे तुच्छ पद से बहुत ज्यादा है। वैसे उन्होंने मान लिया है, वक्त की नजाकत को देखते हुए टोपी खोल-उतार के वरीय सदस्य व गुजरात के उपासक, उपवास के माहिर, तुष्टिकरणवाद के महारथी महान एसएमएसकार श्री टालमटोलजी ही आगामी लोस चुनाव में टोपी खोल-उतार के पीएम पद की रेस में सबसे आगे, भरोसेमंद, टिकाऊ व किफायती नेता हैं। उनकी विश्वसनीयता, तारीफ में हिंदू, मुस्लिम संगठनों ने, प्रवासी से लेकर आवासीय लोगों ने जो एसएमएस, समर्थन व भरोसा जताया है वो काबिले शुक्रगुजार है। महबूबा भी उनके समर्थन में एसएमएस भेजकर पूरे देश को जो संदेश दिया उससे सुष्मा भी सुष्म पड़ गयीं। एक मुस्लिम संगठन से प्रस्तावित टोपी को श्रीटालमटोल जी ने हाथ में लेने से भी इनकार कर जता दिया कि वे सही मायने में सद्भावना मिशन पर थे जहां वे अपनी मर्जी एसएमएस रिसीव व डिलीट करेंगे। लिहाजा हिंदू-सिख व इसाई की एसएमएस पगड़ी उन्हें तहे-दिल से मंजूर है लेकिन क्या मजाल कि श्री टालमटोलजी मुस्लिम टोपी से आती एसएमएस की बू को रिसीव कर लें। उन्हें प्रधानमंत्री बनना है, देश को चलाना है। देश को एसएमएस के रास्ते आगे बढ़ाना है सो सरदार की पगड़ी पहनेंगे। ईसाई महिला को भारत माता बनाएंगे। हिंदूवादी एसएमएस तो उनके रक्त में है ही जिस एसएमएस को पूरे देश में सेंड कर गोधरा कांड को रोकेंगे। गांधीभाई की बात मानेंगे लेकिन नमाज के वक्त की टोपी पहनने की कोई पात्रता प्रधानमंत्री पद के लिए कोई बाध्यता है नहीं सो, इतर से तो दूर ही रहेंगे। यही उनकी एसएमएस की पहचान, संदेश है। मि.फफूदीलाल साफ लिखते हैं, वैसे भी हम दोस्ती, अमन, शांति के पक्षधर, एसएमएसकार हैं। पाकिस्तानी तो हैं नहीं कि दोस्ती पर ब्रेक लगा दें। फेसबुक पर प्रतिबंध लगाने से थोड़े ना फेस बदल जाता है या कोई एसएमएस करना छोड़ देता है। अरे, हमारी पार्टी तो खुली किताब है जिसे मन हो पढ़ ले,जिसे चाहे एसएमएस भेज दे। पीएम पद का दावेदार, उस होड़ में शामिल हो जाए, लेकिन हमारी महानता देखिए, हम उसे ही एसमेसी गाड़ी चलाने का मौका देते हैं जो गाड़ी के विशेषज्ञ होने की बजाए राजनेता हो। ड्राइविंग सीट पर पुरुष और निर्देश कोई महिला दे यह हमारी पार्टी, हमारी सोच, एसएमएस में नहीं। हम पहले भी कह चुके हैं बहुमत है ही तो महिला को क्यों नहीं करने देते एसएमएस। क्यों नहीं बना देते प्रधानमंत्री। ताल ठोककर कहते हैं, हम कोई जीएसएम नहीं कि हमारी मांग में कमी आएगी। बड़ी फोन बनाने वाली कंपनियां अन्य देशों में अपने पुराने या मार्केट से आउट हो चुके माल को भारत जैसे विकसित बाजारों में छूट पर बेचती है। यूरोप में प्रति वर्ष लगभग 12.5 करोड़ पुराने फोन फेंक दिए जाते हैं, इसमें से कई करोड़ भारत जैसे विकासशील देशों को भेजे जाते हैं, ऐसे में मुझे आप लोग आउट बॉक्स में डाल देते हैं। मैं भी तो माल हूं वो भी रिसाइकल नहीं फिर मेरा फोन तक रिसीव क्यों नहीं करते, मैं मिस्ड काल में पड़ा रहता हूं और वो उपवास करके पीएम बनना चाहता है। आखिर मैं भी तो अधिकृत पार्टी का डीलर हूं वो भी ऑथराइज, भला मेरे साथ ये नाइंसाफी क्यूं। दूरसंचार ऑपरेटरों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने ट्राई से 100 एसएमएस प्रतिदिन प्रति सिम के नियम पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। बस, एकबार मेरा कहा मान लीजिए, मिस्ड कॉल को रिसीव तो कर लीजिए, फिर देखिए जैसे भारत में अब कोई रिक्शा वाला भी गरीब नहीं रहा वैसे ही कोई किसी को मिस्ड कॉल मारने की हिम्मत नहीं करेगा, सिर्फ एसएमएस भेजेगा। फिर कोई पाकिस्तानी दल अन्ना से नहीं मुझसे एसएमएस भेजने की तरकीब पूछेगा। आप भी हमें एसएमएस कीजिए, मैं भी आपको यूं ही एसएमएस करूंगा, दोनों में प्यार का जो एसएमएस फलेगा उससे किसी का दिल नहीं टूटेगा। अरे फेसबुक पर युवाएं भटक रहे हैं। बंगलुरु में आईआईएम की छात्रा मलिनी मूर्मू ने इस कारण खुदकुशी कर ली कि ब्यॉयफ्रेंड से उसका ब्रेकअप हो गया और इस बात की सूचना उस बेवफा दोस्त ने फेसबुक पर डाल दी, दुखी प्रेमिका को यह रास नहीं आया, मर गयी। पर हमारा ये एसएमएस तेरे-मेरे बीच में बंधन बनाएगा, जमाने को खबर भी नहीं होगी और मैं एक दिन प्रधानमंत्री बन जाऊंगा। क्या आप भी यही चाहते हैं कि मैं पीएम पद की रेस में नहीं रहूं, संघ प्रमुख ने मुझे अंदरखाने एसएमएस की शरण में जाने को कहा है, अगर आप चाहते हैं कि मैं पीएम पद की रेस में रहूं तो फिर देर किस बात की। आप मुझमें समा जाइये मैं आपमें समा जाता हूं। भेज दीजिए कोई भी एक एसएमएस। मेरा पता है फफूदीलाल एॅट ड रेट ऑफ टोपी-खोल उतार डॉट दिल्ली गद्दी डॉट कॉम। हमें इंतजार रहेगा आपके एसएमएस का तब तलक जय हिंद, जय अटल, जय टोपी खोल उतार।

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