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Tags : What are Ghosts. Scientific study of Ghosts and Spirits. Actual Definition and existence of ghosts.
लेखक – मयंक जी (निगूढ़ विद्याओ के ज्ञाता)
ब्रह्माण्ड और प्रकृति के रहस्य को समझने के लिए, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक रूप से तरह तरह के प्रयोग किये गए हैं | लेकिन हमें जितनी जानकारी होती जाती है, उतनी ही नयी नयी उलझने और पैदा हो जाती हैं | ये उलझने या विसंगतिया जीवन के अनेक आयामों में हो रही हैं |
प्रसंगवश हमारा सम्बन्ध आत्माओ से सम्बंधित है | ये बड़ा जिज्ञासापूर्ण विषय है | इसके सम्बन्ध में अनेको दार्शनिकों और आध्यात्मवादियों ने तरह तरह के अपने अपने अनुभव और विचारधाराएं बतायी हैं | लेकिन फिर भी अभी तक हमारी जिज्ञासा पूर्णतया संतुष्ट नहीं हुयी है | सबसे पहले हम ये समझने की कोशिश करें की आखिर ये जीव या आत्मा का उद्गम श्रोत है क्या|
हमारा पूरा ब्रह्माण्ड ऊर्जा तरंगों से भरा पड़ा है | हम जिस सौर मंडल में रहते हैं, उसमे चार तत्व प्रमुख रूप से माने जाते हैं – पृथ्वी, जल, वायु और अग्नि | इन चारो तत्वों में ऊर्जा तरंगों की गतिशीलता और परिवर्तनशीलता आकाश (space) तत्व के कारण होती है | इस परिवर्तनशीलता को ठीक से समझने के लिए, हम कुछ उदाहरण दे रहे हैं –
हमारा शरीर इन चारो तत्वों की ऊर्जा तरंगों और आकाश तत्व के संयुक्त प्रभाव से बना है | ऊर्जा तरंगोँ के कारण हमारा जन्म होता है | परिवर्तनशीलता के कारण, हम बचपन, यौवनावस्था और बृद्धावस्था को प्राप्त करते हैं | अतः मृत्यु के पश्चात हम शून्यता या आकाश तत्व में विलीन हो जाते हैं | विलीन हो जाने का अर्थ ये नहीं है कि हम अस्तित्व खो देते हैं, हमारी यात्रा निराकार से आरम्भ होती है और साकार रूप ले लेती है और फिर पुनः मृत्यु के पश्चात, निराकार में समा जाती है | इस प्रकार हम जीवन मरण के चक्र में घूमते हैं जिसे हम पुर्नजन्म का चक्र भी कह सकते हैं | इन पुनर्जन्मों की यात्रा के बीच ही भूत प्रेत और देव – शक्तियों का रूप धारण होता है | इसके पहले की हम भूत प्रेत और देव – शक्तियों की बाते करें , हमें पहले मनुष्य जीवन की कुछ सामान्य घटनाओं और बीमारियों को जानना आवश्यक है क्यूंकि वे घटनाएं ही बहुत महत्वपूर्ण हैं | उन्हीं में आलौकिक शक्तियों का बीज छिपा रहता है |
मानव शरीर में बीमारियां कैसे आती हैं, ये समझना जरुरी है | मनुष्य में कोई भी बीमारी ऊर्जा की कमी के कारण होती है | मनुष्य का शरीर जन्म के समय, प्रकृति में उपस्थित चार तत्वों पृथ्वी, जल, वायु और अग्नि तत्वों की संतुलित ऊर्जा होती है | इसी संतुलन का नाम स्वास्थ्य है | जब हमारे शरीर में ऊर्जा का संतुलन बिगड़ जाता है तब उस असंतुलन को बीमारी कहते हैं | मनुष्य के शरीर में ऊपर बताये गए तत्वों की बिमारियों की सबसे बड़ी विशेषता ये है की सभी बीमारियां एक सा लक्षण देती हैं और एक सा लक्षण दिखती भी हैं | हमारे मानवशास्त्री,जीव-वैज्ञानिक और चिकित्सकों ने तीन तत्वों – पृथ्वी, जल और अग्नि (ताप) तत्वों की बीमारियों का समाधान खोजने में करीब करीब सफलता प्राप्त कर ली है | क्यूंकि विज्ञानं ने उक्त तत्वों के प्रयोग के लिए विश्व भर में प्रयोगशालाओं का निर्माण किया तथा शोध और खोज करके बीमारियों का पता लगा लिया है और बीमारियों के समाधान के लिए दवाओं और शल्य चिकित्सा के अनेक सफल प्रयोग भी किये हैं | लेकिन अभी तक चिकित्सा शास्त्र, वायु तत्व के रहस्यों और बीमारियों का सफल प्रयोग नहीं कर पाया है | इन्ही बीमारियों को हम भूत – प्रेत और देव शक्तियाँ कहते हैं… अभी ब्लॉग और है…
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