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सचमुच सभी को गर्मी की छुट्टियों की बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा रहती है, क्योंकि ये अन्य छुट्टियों से अधिक लम्बी होती है। घर में माता पिता और बच्चों को भी आराम मिल जाता है, प्रतिदिन की भागमभाग कहीं न कहीं सबको थका देती है। अतः गर्मी की जब छुट्टियाँ आती है तो बच्चे बड़े सभी अपने अपने को पुनः दुरुस्त तरोताज़ा ..और रि फ्रेश करना चाहते हैं और करते भी है। हर वर्ष कुछ न कुछ योजना बनायी जाती है , जिससे की छुट्टियों का भरपूर आनंद लिया जा सके । इसमें बहुत फन मस्ती घूमना फिरना सैर _ सपाटा हो जाता है । परिवार और अनेक सम्बन्धियों से मिलना जुलना होता है ।
माता – पिता यदि दोनों जॉब करते हैं तो वो भी अपनी छुट्टियाँ लेकर बच्चों की छुट्टियों के साथ एन्जॉय करते हैं ;जो कि बहुत आवश्यक होता है । किसी विशेष परिस्थिति की वजह से ना जाना बातअलग होती है। अभिभावक अपने बच्चों को विभिन्न क्षेत्रों की बहुत सारी सीखने योग्य जानकारी देते हैँ । इसके लिए हर वर्ष किसी न किसी विशेष स्थान पर ले जाते हैं l वहाँ की इमारतों दर्शनीय स्थलों को दिखाते हैं l उस स्थान की अन्य विशेषताओं से बच्चों को परिचित करवाते हैं l इसके अतिरिक्त इन्हीं छुट्टियों में कहीं कहीं “समर स्पेशल कैम्प “ लगते रहते हैं l जैसे स्पोर्ट्स , स्विमिंग, सिंगिंग , डान्सिंग, पेंटिंग और प्लेयिंग म्यूज़िकल इनस्ट्रूमेंट्स जैसे गिटार , ड्रम्स , तबला , हारमोनियम या सिन्थसाईज़र इत्यादि . वो भी ये बच्चों को ज्वाइन कराते हैं l इसके अतिरिक्त माता पिता उन्हेँ कई प्रकार के सामाजिक पारिवारिक कार्यों और ज़िम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना और दायित्वों को भी समझाते है l उनके कल के लिये हर वर्ष नये जोश और कर्मठता ईमानदारी के साथ जीना सिखाते हैँ ।
बड़ों का आदर – सम्मान करना सिखाने के साथ साथ उनको स्वयं के आत्मसम्मान की रक्षा करना बताते हैं ।
इन्हीं सारी बातों को पंक्तियों के माध्यम से निम्न बयां किया है ….
मन को बहुत भाती हैं गर्मी की छुट्टियाँ
नानी घर में हलूआ पूरी खीर आम खाना
पतंग उड़ाना, टेनिस और क्रिकेट खेलना
स्वीमिंग,पेंटिंग डांसिंग संग गिटार बजाना
बंद हुआ स्कूल, दिखे सब कूल – कूल
माँ को मिला चैन सुबह पापा संग करें सैर
न टिफ़िन का ज़िक्र, ना बस की फ़िक्र
मम्मी भी मस्त , अपनी फ़्रेंड्स संग व्यस्त
गरमी का मौसम फिर भी लगे औसम
मेला ठेला रेला और सर्कस में झूला
बच्चों की छुट्टियाँ , कैरम – गोटियाँ
गुड्डे और गुड़िया, मस्तियां-मस्तियां
सामाजिक कार्य भरे नैतिकता
बच्चों को दिखाना भाव जगाना
परिवारिकता संग मिलनसारिता
बच्चों को सिखाना और समझाना
नयी क्लास और नयी किताबें
नए होम वर्क और चार्ट – प्रोजेक्ट
समय से पूरा , प्रेरित करना
नये कीर्तिमान स्थापित करना
अनुशासित संग आज्ञाकारी बने
अध्यापक मान – सम्मान करें
सहपाठी संग सहपाठिता
सदाचार और परोपकार करें
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