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“प्यारी मम्मा” ‘ Happy Mother ‘s Day’

KALAM KA KAMAL
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सबसे पहले तो मैं ईश्वर का धन्यवाद देना चाहूंगी जिन्होंने एक स्त्री को “माँ” बनाया ; सारे संसार में सबसे बड़ा- सम्मानीय पद दिया और ..इतनी ममता भर दी कि … जितना सोचें उतना ही कम होगा . हर माँ में अपने बच्चों के प्रति अपनी ममता का इजहार भिन्न -भिन्न तो हो सकता है ; परन्तु उसकी ममता में ; वात्सल्यता में कमी नहीं हो सकती . कहने का तात्पर्य ये कि उसके जितने बच्चें होते है वो उन सभी का स्वाभाव जानती और उसी के अनुरूप अपनी ममता ..अपनी स्नेहिल छाया से , उन्हें खुश रखने का जीवन -पर्यंत प्रयास करती है ; और ना जाने कितनी मन्नतें – दुवाएं ईश्वर से .. अपने बच्चों की सलामती के लिए ..दिन-रात माँगा करती है .. अपने बच्चों के किसी भी काम के लिए ‘चाहे वो कितनी कमजोर क्यों न हो पर वह उनके के लिए ( उनकी किसी भी फरमाइश पर ) ममतावश न जाने कितने काम कर ही लेती है और थकन भी नहीं महसूस करती . ” अक्सर माँ अपने बच्चों को अपने भी हिस्से की ( बढ़िया -से बढ़िया स्वादिष्ट ) चीजे अपने बच्चों को खिला कर ही तृप्ति की अनुभूति कर लेती है. ” अक्सर वह यही कहती है – ‘बच्चों तुमने खा लिया बस समझो की मैंने खा लिया ” और प्यारे भोले -भाले बच्चे अपनी माँ की ये बातें ..ये रहस्य समझ ही नहीं पाते …
” माँ की ममता की महिमा अपरम्पार है.” – ये बात ..वो सभी प्यारे और संस्कारी बच्चे भली -भांति जानतें हैं… तभी तो प्यार से …”मम्मा ..मम्मा… बुलाते .हैं और “Mother ‘s Day ” मनाते हैं वरन .. इन सभी बातों का .कौन ध्यान देता था .बदले ज़माने की कुछ बातें ..तो सच में मानो या न मानो पर सभी को अच्छी लगतीं जरूर हैं..
मैं भी एक माँ हूँ ; अत : मैं उन सभी माँ को बधाई देतीं हूँ ; जिन्होंने माँ की ममता की छाँव से अपनी या परायी गोद को हरा भरा किया .
मैं उन सभी बच्चों के लिए स्नेहाशीष और प्रभु से दुवा करूंगी की वो सदा उन पर अपनी शुभ कृपा बनाये रख्खें .
मीनाक्षी श्रीवास्तव

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