- 161 Posts
- 978 Comments
” माँ के अन्य रूप / माँ के विभिन्न प्रकार ! ”
********************************
” मदर्स डे ” पर मैं कुछ उन माताओं के बारे में प्रकाश डालना चाह रहीं हूँ ; जिनका भी हमारे समाज में अपना एक अलग अस्तित्व है ;अपना अलग रूप है ..अपना – अपना स्थान है : जो कुछ इस प्रकार है :
१- धाय माँ
वर्तमान में तो शायद ..नहीं परन्तु प्राचीन काल में अर्थात सैकड़ों वर्षों पूर्व राजा – महाराजाओं , बादशाहों या सम्राटों के यहाँ उनके राजपुत्रों की देख-भाल पालन -पोषण -के लिए एक बहुत ही जिम्मेदार और नेक दयालु स्त्री नियुक की जाती थी जो उन राजपुत्र बच्चों / शाही – औलादों का पूरा ध्यान रखतीं थीं.यहाँ तक की उन बच्चों को अपने बच्चों की भांति अपना स्तनपान भी कराती थीं . अपनी जी जान से ज्यादा उनकी जी जान की रक्षा करतीं थीं .” पन्ना धाय ” का उदाहरण इनमें से एक है – जिनका नाम हमारे इतिहास के पन्नो में स्वर्णाक्षर है . दो शब्द और मैं लिखना चाहूँगी- शायद नई-युवा पीढ़ी या कोई भी अगर इस नाम से अपरिचित हो, तो अवश्य जान ले –
१६वी शताब्दी की चितौड़ गढ़ की राजपूत महिला पन्ना धाय ने महाराणा संग्राम सिंह I (SANGA) (1509-1527). के चौथे पुत्र -” उदय सिंह “की धाय माँ थीं और उसने उदय सिंह को अपने बेटे ” चन्दन की भांति स्तन – पान कराया था ; और उदय सिंह के जीवन की रक्षा अपने बेटे चन्दनका बलिदान कर -अपना धाय माँ का फ़र्ज़ अदा किया और एक वफादारी …सच्चाई इमानदारी एवं देशभक्ति की बेमिसाल छाप छोड़ी .आगे चलकर मेवाड़ के राणा महाराणा उदय सिंह बनें . आज उदयपुर शहर उन्हीं के नाम से जाना जाता है .
२- सगी माँ
अधिकाँश रूप में देश दुनियाँ समाज में ऐसी ही माँ वन्दनीय -पूज्यनीय होतीं हैं . इन माताओं की गाथा सभी गातें है.क्योंकि ये एक सामाजिक नियम / मर्यादा को ध्यान में रखते हुए विवाह के बाद शुभेक्षा से संतान को जन्म देकर माँ बनती हैऔर माँ बच्चे का अटूट बंधन जुड़ जाता है . इन्हीं की ममता वात्सल्यता की महिमा अनिर्वचनीय है .ये माँ सभी जगह सम्मान प्राप्त करतीं हैं .
३- सौतेली माँ / दूसरी माँ
इस प्रकार की माँ से समाज में सभी परिचित हैं .वैसे आजकल इन्हें ” नई माँ / नई मम्मी ” के संबोधन से जाना जाता है कुछ वर्षों पहले इन माताओं की छवि बहुत ख़राब थी .कोई भी सौतेली माँ नहीं बनना चाहता था , ना हीं बच्चे को पसंद करतें थे .समय बदला … सोच बदली …तो परिस्थितियाँ भी कुछ हद तक बदल गयीं हैं .वर्तमान में इन माताओं की छवि बेहतर हो रहीऔर ये उन बच्चों को प्यार और स्नेह से सींचने की पूरी कोशिश करतीं हैं और बच्चे भी इन माताओं को ” नई माँ ” कहकर तो पुकार लेतेंहै किन्तु अब कोई भी सौतेली माँ .. नहीं पुकारता .अर्थात ऐसी माँ बच्चों के बीच भी स्नेह का वात्सल्यता का रिश्ता जुड़ने लगा है ; बच्चे इन माँ का सम्मान भी करने लगें हैं. इस बात के लिए कई टी.वी. कार्यक्रम / सीरियल और मूवी / पिक्चर ने अहम् रोल निभाया है .अतः इन माँ को भी समाज में सम्मान मिलने लगा है .
४- कल्याणी माँ
जी हाँ , ऐसी माँ वो माँ होतीं हैं जो अनाथाश्रम से या किन्हीं अन्य संस्थानों से बच्चों को अपने घर ..अपने पास लाकर उनका हर-प्रकार से पालन- पोषण कर उनको उनके पैरों पर खड़ा करतीं हैं .और अपने बच्चे की तरह बहुत स्नेह करतीं हैं . ऐसी माँ भी समाज में श्रेष्ठ मानी जाती हैं .हाँ एक बात बहुत आवश्यक है : यदि किसी बच्चे को या व्यक्ति को कभी भी यह पता लगे कि ” ये माँ उसकी अपनी नहीं हैं …उसको फलां जगह से लाया गया है ” तो उसको ऐसी माँ को शत-शत नमन करना चाहिए ; जीवन भर उनका ऋणी रहना चाहिए जिसने उसके अँधेरे जीवन में प्रकाश भरा हो अन्यथा..नहीं लेना चाहिए न .. कुछ गलत नहीं समझाना चाहिए ना बुरा बर्ताव करना चाहिए .
५- आधुनिक माँ / किराये की माँ / किराये की कोख वाली माँ
इस प्रकार की बिलकुल आधुनिक माँ होतीं हैं . ये माँ ” Surrogate Mothers ” के नाम से जानी जातीं हैं . वैसे ये किराये की कोख
रखतीं हैं अतः इनका बच्चे से कोई मतलब नहीं होता ;कोई स्नेह वात्सल्यता का रिश्ता नहीं जुड़ता . क्योंकि ये पैसे लेतीं हैं और बच्चे को जन्म देतीं हैं – एक प्रकार से ये इनका पेशा हो जाता है .फिर भी किसी के घर में खुशियाँ भरतीं हैं .. ये कोई आसन काम नहीं बल्कि श्रेष्ठ कार्य है . आने वाले समय में इनको भी सामाजिक अधिकार और सम्मान की द्रष्टि से देखा जायेगा .
६- शापित माँ / अनचाही माँ / कलंकनी माँ
ये माँ वो माँ हैं जो गैर सामाजिक ढंग से माँ बन जातीं हैं .ऐसी माँ को ना कभी समाज में सम्मान मिला था ..ना मिलता है ..और ना शायद मिल पायेगा .सदा इनको हेय और घ्रणित द्रष्टि से लोग देखतें है . इन माँ के भीतर वो… ममता का ..भाव नहींउत्पन्न हो पाता है . इन माँ की दशा बड़ी दयनीय होती है .बड़ी सोचनीय होती है .ये जीवन भर तिरस्कृत ..और अपमान भर जीवन जीने के लिए मजबूर होतीं हैं . कोई इनके साथ हुए छल..धोखा ..बलात्कार या किसी हादसे को नहीं समझता ..ये माँ होते हुए भी सदा बेचारी ..दीन..हीन..दुखियारी रहतीं हैं .” माँ ” की गरिमा से वंचित रहतीं हैं .आने वाले समय में उम्मीद है की इन माताओं को जो ऐसे हादसे की शिकार हुई है उनको रहत मिले ..उनका जीवन आसान हो जाये.
अंत में सिर्फ इतना कहना चाहूँगी कि ” मदर्स डे ” के अवसर पर सूक्ष्म रूप से देखें तो सभी प्रकार की माँ को समाज में सम्मान मिलना चाहिए ;
बशर्तें …वो माँ धोखेबाज़ ..चालबाज़ या चरित्रहीन ना हो स्वयं में .
सभी प्रकार की ममतामयी …सह्रदयी..श्रेष्ठ गरिमामयी .और… .भले चरित्र वाली – माँ को ” मदर्स डे ”
अनेकों शुभकामनाएं .
मीनाक्षी श्रीवास्तव
Read Comments