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वाली जैसी कंपकंपी को एक नए अंदाज़ में अहसास करे .. ये मेरा अपना अंदाज़ है कि मैंने होली के भीतर छुपे -( उसके बाद ) आने वाले प्रत्येक मौसमी रहस्य /सन्देश को दूंढा या जाना है. हम हर मौसम का स्वागत और अहसास एक नए अंदाज़ से करे तो… क्या ठीक नहीं होगा? ..अच्छा लगेगा ..ऐसा करके तो देखिये…एक बार.. ……….
” वैसे होली रंगों का पावन पर्व है इसमें कई सन्देश छिपे हैं. कुछ जीवन से सम्बंधित तो कुछ धर्म से तो कुछ कर्म से तो कुछ मौसम से इत्यादि इसके पहले मैंने ” होली में इस बार ” होली का एक और महत्वपूर्ण अर्थ /सन्देश बताया था इस बार मैंने मौसमी सांकेतिक अर्थ /रहस्य बताया है बाकि धर्म और कर्म के मायने से तो सभी अवगत हैं.
“jagranjunction ” की कृपा से चाहे “holi contest ” हो अथवा किसी ‘ अन्य प्रकार’ के माध्यम से सभी को अपनी-अपनी अपनी बातें ,विचार , चित्र, कविता, ग़ज़ल ,लेख इत्यादि लिखने का जो सुगम माध्यम मिलता है ; वह निःसंदेह प्रसंशनीय है. बहुत -बहुत शुभकामनायें …
मीनाक्षी श्रीवास्तव
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