KALAM KA KAMAL
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यथा नाम विपरीत गुण
नेक नाम अनेक अवगुण
जघन्य घोर किये सब काम
ताक पे रखे मजहब – ईमान
कभी न किया, किसी का भला
कभी न समझा किसी को सगा
समझे जो न ‘धर्म इंसां का ‘
वह कैसा बंदा खुदा का ?
और
” खुदा के बंदो से प्यार करे जो
उसे हर घड़ी महफूज़ रखे वो ”
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मीनाक्षी श्रीवास्तव
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