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” शिक्षक दिवस ” का महत्व

KALAM KA KAMAL
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” शिक्षक दिवस “

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शिक्षक दिवस मानाने का चलन ” डॉ. सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जन्म दिन ” के उपलक्ष्य में मनाया जाना माना जाता है .

वैसे अपने देश में ” गुरु पूर्णिमा ” भी पूज्यनीय गुरुओं को सम्मान देने के पर्व से जाना -माना जाता है .
यह सच है कि – “गुरू ” का हर किसी के जीवन में बहुत महत्व होता है.
समाज में भी उनका अपना एक विशिष्ट स्थान होता है .

अपने भारतीय शास्त्रों में गुरू की महिमा का बहुत वर्णन मिलता है.
“ गुरू “ अपने शिष्य के जीवन से अंधकार दूर कर प्रकाश प्रदान करता है .
गुरू अनेक होते हैं .और वे भी अनेक प्रकार के होते हैं .जो गुरू जिस क्षेत्र / विषय से सम्बंधित होते है; वे तत्सम्बंधी मार्ग दर्शन करतें हैं.

प्रचीन परम्परानुसार गुरू को “ गुरू दक्षिणा ” देने का रिवाज़ रहा है . अर्थात शिष्य ग़ुरूसे ज्ञान प्राप्ति के बाद उन्हे “ जो भी दान करता था उसे “गुरू दक्षिणा “ कहते थे . श्रेष्ठ गुरू अपने शिष्य से यथोचित “ गुरू दक्षिणा लिया करतें थे . किंतु कुछ ऐसे भी गुरू हुए हैं ; जिन्होने “ गुरू दक्षिणा में ऐसी “मांग” की जिससे उनके सम्मान में आंच आई और आज भी जानी जाती है .” गुरू द्रोणाचार्य ” जिन्होने ‘एक्लव्य’से उसके हाथ का अंगूठा ही गुरू दक्षिणा मे ले लिया था . शायद उसी का असर आज भी किन्ही-किन्ही गुरुओं में देखा जाता है जो शिक्षा के नाम पर न जाने क्या क्या “लूट” लेतें हैं आए दिन समाचार पत्रों में तथा दूरदर्शन न्यूज चैनल पर स्पष्ट दिखाई पड्ता है .

गुरू ही सुद्रढ़ .. समाज… और देश का नैतिक निर्माणक माना जाता है. कुछ अपवाद को छोड कर आज भी गुरू जन श्रेष्ठ से श्रेष्ठ शैक्षिक स्तर उन्नयन में संलग्न देखे जातें हैं. और वे सम्मनित होते रह्ते हैं .

मैं भी इस पावन – दिवस में अपने उन सभी गुरू जनो को कोटि कोटि नमन करती हूँ .जिनकी कृपा से मैंने जीवन में विविध प्रकार का ज्ञान हासिल किया है.और इसके लिये वे सभी मेरी दृष्टि में सदा पूज्यनींय रहेंगे -.

जैसे – वे “.‌गुरू ” …जिन्होने मुझे शैक्षिक अर्थात विद्या का ज्ञान दिया .और
द्वितीय … उन सभी “संगीतज्ञ गुरू” जिन्होने मुझे शास्त्रीय संगीत का ज्ञान दिया .
साथ ही तृतीय…. उन आध्यात्मिक गुरू जनो का जिन्होने जीवन में सच्ची भक्ति का बोध कराया .

वैसे ..तो हर किसी की सर्वप्रथम गुरू “ मां “ ही होती है ; जो अपने हर बच्चे का पूरे जीवन भर मार्ग दर्शन करती रह्ती है .इसी लिये मां के समतुल्य कोई नहीं होता है .

“प्यारे- प्यारे ग्रीटिंग्स कार्ड”

शिक्षक दिवस का बहुत महत्त्व है“. इस दिन स्कूल / कालेज में गुरू के सम्मान में आयोजन किये जाते हैं और शिक्षार्थी / शिष्य जन उनको उपहार स्वरूप “सुंदर अभिव्यक्ति संदेश “ ग्रीटिंग्स कार्ड तथा अन्य कई वस्तुएं भी देते हैं . मैंने भी टीचिंग की और अपने शिष्य और शिष्याओं से मिले ‘-उनके खुद के बनाये “कार्ड” और उनकी भावनाएं बहुत ह्रदय को प्रभावित करती थी .

“ शिक्षक दिवस “ पर सभी शिक्षक जनो को मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं !

मीनाक्षी श्रीवास्तव

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