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माँ तू है बेमिसाल माँ तू है लाजवाब
तेरे अंचल की छाया में है मेरा संसार
लोरी के शब्दों से सींचा है तूने मेरा बचपन
तेरी जादू की झप्पी ने कर दिया है कमाल
माँ तेरे साए में महफूज़ है मेरा जीवन
तेरे बिना सूना है ये मेरा जीवन
तेरी आहट देती है दिल को सुकून
तेरी खुशबू लाती है होठों पर मुस्कान
माँ तेरा समर्पण खाली न जाने दूँगा
तेरे दिए संस्कारों का मैं मान रखूँगा
तुझसे दूर हूँ तो क्या मेरे पास है मेरी भारत माँ
इस भारत माँ का दिलो जाँ से ध्यान रखूँगा
माँ कट कर मर जाऊँगा परन्तु
सीमा पर बैठ तेरे दूध का कर्ज जरूर चुकाऊँगा
इस भारत माँ के तिरंगे की कसम
माँ तेरे अंचल पर दाग न लगने दूँगा
माँ तू है बेमिसाल माँ तू है लाजवाब
तेरा ये सपूत तेरी शिक्षा को दिल में संजोए
अपनी भारत भूमि पर कुर्बान होने को तैयार
तेरा आशीर्वाद भरा हाथ सिर पर लिए
दुश्मनों को मारने के लिए हर पल है तैनात
माँ तेरा अंचल अब भी महसूस करता हूँ
इस शीश को झुका कर बार बार यही कहता हूँ
माँ तू है बेमिसाल माँ तू है लाजवाब
कवयित्री – मीता गोयल
meetagoel.in
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