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ये बात न है सोने की,
न टोटके की न टोने की,
न हसने की न रोने की,
ये बात है सब कुछ खोने की,
होते हैं एक जैसे दोनों,
जब ये मेरे पास आते हैं,
डर लगता हैं मुझको यारों,
जैसे ये बात बनाते हैं,
कहते हैं कर देंगे अर्पण,
ये तन और मन दोनों ही,
कर देते हैं तुमको पागल,
कर देते हैं तुमको कायल,
यूँ मीठी मीठी बातें कर के,
कर लेते हैं तुमको बस में,
कहते हैं दे देंगे,
ये जीवन तुमको कर अर्पण,
बातों में न आना प्यारों,
इनके बातों को दिल से न लगन यारों,
तोड़ देते हैं वादे,
यह कर के दुनिया भर में,
पल भर में सारे सपने,
हो जाते हैं गर्दिश में,
वो भूल से जाते हैं तुमको,
याद न आने देते हैं,
वो बैठ महलों में,
आसमा के ख्वाब देखते हैं,
मैं कहता तुम ही बता दो,
क्या दिल हैं उनके सीने मैं,
न जाने वह यारों,
क्या मजा हैं अंशू पीने मैं.
–धीरज
सलाह: नेताओं और गिर्ल्फ्रिएंड्स से सचेत रहे.
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