अबकी होलिया में हो, अबकी होलिया में, छोड़ के नईहरवा, चल जा ससुरवा ना.
ससुरा में खोजत होइहें ननद जेठानी, गाँव के गोरियां जहाँ भरत होइहें पानी; पानी में रंग डूबल, रंग में जवानी, जवानी में डूबल इ दुनिया सारी. अबकी होलिया में हो, अबकी होलिया में, पूरा कर द, सास-ससुर के अरमानवां ना.
नइहर में बचपन बितवलू, माई-बाबु के दुलार तू पवलू, भैया के तू बहुतें सतवलू , अबकी होलिया में हो, अबकी होलिया में, देखत होइहें रहिया,सास-ससुरवा ना.
सखियन संग नचलू, तू गवलू, बाग-बगीचा में धूम मचवलू, सबकरा के दीवाना बनवलू, अबकी होलिया में हो, अबकी होलिया में , सैंया बिछैले होइहें, तोहरे राह में नयनवां ना.
नइहर में राज कईलू बनके तू रानी, कबतक कटबू इहाँ आपन जवानी , सोच ससुरा के होके, कैसे नइहर में बानी. अबकी होलिया में हो, अबकी होलिया में हो अलीन देखत होइहें तोहरे सपनवा ना.
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