साधना के पथ पर
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वो माँ के सिने से चिपके रहना,
बंद आखों से
कड़ी धुप में नंगें पाँव टहलना,
बंद आखों से
वो कौड़ियों का खोना और पाना,
बंद आखों से
वो मधुमक्खियों के छत्तों पर ढेले चलाना,
बंद आखों से
चुपके से पटनी से आचार चुराना
बंद आखों से
वो कक्षाओं में अव्वल आना,
बंद आखों से
वो अन्जानी का पाना जैसे पंख का लगना,
बंद आखों से
वो अन्जानी के माँ का मुझे गरियाना,
बंद आखों से
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