Menu
blogid : 19936 postid : 1227189

प्रेरित करता है यूपी सीएम का ‘मानवीय चेहरा’!

Mithilesh's Pen
Mithilesh's Pen
  • 361 Posts
  • 113 Comments

उत्तर प्रदेश हाल के दिनों में कई वजहों से चर्चा में रहा है, और उन चर्चाओं में खींचातानी कहीं ज्यादा रही है. इस बीच अगर किसी पॉलिटिशियन का मानवीय चेहरा सामने आता है, तो उससे दूसरों को अवश्य ही प्रेरणा लेनी चाहिए. सकारात्मक खबरों और अवसरों को ढूंढने वालों को यह अवसर मुहैया कराया है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने. लगभग 20 करोड़ की आबादी में अगर कोई उम्मीद करता हो कि उसकी फरियाद को डायरेक्ट सीएम के स्तर से हैंडल किया जाए और वह हल भी हो जाए तो इसे एक आश्चर्य ही कहा जाएगा, पर इस आश्चर्य को तकनीक की सहायता से ही सही, अखिलेश यादव ने सच साबित कर दिखलाया है. बरेली की महिला सीमा चौरसिया ने अपने फेसबुक पर सीएम अखिलेश यादव  से गुहार लगाई कि उसके दो साल के मासूम बच्चे को बचाने में वह उसकी मदद करें. इसके लिए, महिला ने एक लेटर लिखकर उसका फोटो सीएम अखिलेश के फेसबुक पेज पर पोस्ट किया. उस लेटर में महिला ने गुजारिश की थी कि उसके बच्चे को ब्लड कैंसर है और वह उसका इलाज कराने में समर्थ नहीं है जिस कारण उसकी मदद की जाए. यूपी की इस महिला सीमा चौरसिया ने अपने लेटर में यह भी लिखा था कि वो और उसके पति दोनों ही बेरोजगार हैं और अपने बेटे का इलाज कराने में असमर्थ हैं. जिस तरीके से युवा मुख्यमंत्री की टीम ने इस मामले का संज्ञान लिया, वह निश्चित रूप से काबिल-ए-तारीफ़ है.

प्रचार नहीं, ‘अच्छे कार्यों का प्रसार’ बना अखिलेश की पहचान!

Good face of CM Akhilesh Yadav, Hindi Article, Helping hands

महिला की गुजारिश को संज्ञान में लेते हुए सीएम ने बच्चे के इलाज के लिए 6 लाख रुपये अलॉट कराये, जिसकी चहुंओर तारीफ़ हो रही है. यह पैसे सिर्फ अलॉट ही नहीं हुए, बल्कि समस्त कार्रवाई पूरी करके एसजीपीजीआई लखनऊ के अकाउंट में मुख्यमंत्री राहत कोष से 6 लाख रुपये ट्रांसफर भी हो गए! वाकई, अगर प्रदेश का मुख्यमंत्री इस ढंग से सक्रीय हो तो फिर प्रदेश की जनता को कोई कष्ट ही न हो! हालाँकि, इस तरह के कई मामले प्रदेश में हैं और सबकी मदद नहीं हो पाती है, पर किसी एक मदद हो पाना भी अपने आप में मिशाल है और अखिलेश यादव के इस कदम से न केवल राजनेताओं को बल्कि अधिकारी तबके को भी सक्रियता और सजगता की सीख लेनी चाहिए. सिर्फ यही मामला ही क्यों, बल्कि पिछले दिनों ऐसे कई मामले सामने आये हैं जिसमें अम्बेडकर नगर जिले के टांडा तहसील क्षेत्र में एक दलित परिवार के 6 बच्चे और उनकी मां विद्या के कुपोषण की शिकार होने पर सीएम द्वारा मदद दी गई थी. इस मामले में विद्या और उसके सबसे छोटे 2 साल के बेटे की हालत तो बेहद गंभीर हो चुकी थी. ऐसे में सोशल मीडिया, न्यूज चैनल और वेबसाइट के मार्फत जैसे ही खबर सीएम अखिलेश यादव के संज्ञान में आई, उन्होंने स्थानीय प्रशासन को पीड़ित परिवार को तत्काल भोजन और चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने का निर्देश दिया. इस मामले में राहत भेजने के साथ ऐसा मामला प्रदेश में आखिर था क्यों, इस बाबत हुई लापरवाही पर सख्ती करते हुए आंगनबाड़ी की मुख्यसेविका के खिलाफ कार्रवाई का आदेश भी दिया था.

अपराध के राजनीतिक संरक्षण पर अखिलेश का ‘वीटो’!

Good face of CM Akhilesh Yadav, Hindi Article, Helping hands

सही बात है, अगर प्रदेश में कोई व्यक्ति ‘कुपोषण’ का शिकार है, तो यह बेहद शर्मनाक वाकया है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों तक पर कार्रवाई होनी ही चाहिए. इस पीड़ित परिवार का मुखिया मनीराम उर्फ शंकर मानसिक रूप से कमजोर था, जो कभी कमा पाता था और कभी नहीं. ऐसे में, गरीबी और आय का कोई स्रोत नहीं होने से परिवार के आठ सदस्य अक्सर भूखे ही रहते थे. हालाँकि, यूपी प्रशासन ऐसे व्यक्तियों और परिवारों के लिए कई योजनाएं चलाता है, किन्तु दुर्भाग्य यह है कि स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से पात्र होने के बावजूद इस परिवार को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था. ऐसे में परिवार की स्थिति की सूचना मिलते ही सीएम ने प्रशासन को निर्देश दिया, जिसके बाद तत्काल मौके पर एसडीएम और सीओ ने पहुंच कर पीड़ित परिवार के भोजन के लिए अनाज का इंतजाम कराया और विद्या और उसके 2 साल के मासूम को जिला अस्पताल में भर्ती कराने के लिए भिजवा दिया. इसके साथ ही परिवार को प्रदेश सरकार की अन्य योजनाओं का भी लाभ दिलवाया गया. हालाँकि, ऐसे मामलों में नरमदिल सीएम को अधिकारियों में और ‘डर’ पैदा करना होगा, ताकि अधिकारी वातानुकूलित कमरों में बैठकर गप्पे लड़ाने की बजाय, गाँव-गांव, घर-घर घूमकर जनता की सुध ले सकें. सीएम को अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को भी ऐसे मामलों की खोजबीन के लिए प्रेरित करते रहना होगा. मुख्यमंत्री की इस बात के लिए निश्चित रूप से तारीफ़ करनी होगी कि उनके संज्ञान में कोई मामले आते ही वह व्यक्तिगत निर्देश देकर समस्या के तत्काल समाधान में जुट जाते हैं.

भाजपा-बसपा के ‘गाली-गलौच’ के बीच अखिलेश कर सकते हैं वापसी!

Good face of CM Akhilesh Yadav, Hindi Article, Helping hands, With Dimple Yadav

इसी का एक और उदाहरण तब सामने आया था जब एक विदेशी युवती के साथ अन्याय की बात सामने आयी थी, जिसने भारतीय पुरुष से शादी की थी. ऐसे में, केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के एक ट्वीट पर यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने एक रूसी महिला की मदद की थी. यह महिला आगरा में अपनी सास के घर के बाहर धरने पर बैठी थी और उस समय बताया जा रहा था कि दहेज की मांग के चलते यह सास अपनी रूसी बहू और उसकी तीन साल की बेटी को घर के अंदर नहीं आने दे रही है. अखिलेश के प्रयासों से सुलह के बाद सास ने कहा कि विवाद दहेज का नहीं था, कल्चरल डिफरेंस की वजह से दोनों में अनबन थी. मामले को हल करने के बाद अखिलेश ने तब ट्वीट कर कहा था कि सुसराल वालों की काउंसलिंग के बाद महिला को उसके परिवार से मिला दिया गया है, जबकि सीएम ऑफिस ने सास-बहू की साथ में एक प्यारी फोटो भी ट्वीट की थी. इस पर सुषमा स्वराज ने जवाब भी दिया था, जिसमें उन्होंने लिखा कि ”यह मामला सुलझाने के लिए अखिलेशजी आपका शुक्रिया, इस तरह की घटनाओं से देश की इमेज खराब होती है.” साफ़ जाहिर है कि जितने सक्रिय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, उनके अधिकारियों और यूपी प्रशासन को उनसे प्रेरणा लेनी ही होगी! खैर, अखिलेश यादव ने ऐसे मामलों में सजगता दिखलाकर निश्चित रूप से प्रदेश की जनता के मन में विश्वास कायम करने का कार्य किया है और आने वाले दिनों में इस बात की निश्चित तौर पर उम्मीद जगी है कि प्रदेश की जनता को हर स्तर पर प्रशासन का सहयोग आसानी से उपलब्ध हो सकेगा!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh