Menu
blogid : 19936 postid : 1139559

हालिया उपचुनावों के मिलेजुले संकेत

Mithilesh's Pen
Mithilesh's Pen
  • 361 Posts
  • 113 Comments

उपचुनावों के परिणाम के बाद हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘विभिन्न राज्यों में हुए उप चुनावों में बीजेपी एवं उसके सहयोगियों की जीत से पता चलता है कि लोगों ने ‘विकास की राजनीति’ में विश्वास प्रकट किया है.’ प्रधानमंत्री ने आगे यह भी कहा कि, ‘देश के उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी, पश्चिमी और मध्य हिस्सों में बीजेपी एवं उसके सहयोगियों की जीत से खुश हूं.’ क्योंकि भारत के लोगों ने विकास, विकास और विकास की राजनीति में विश्वास प्रकट किया है. जाहिर तौर पर भाजपा के सबका साथ, सबका विकास’ नारे को गति देने में प्रधानमंत्री प्रयासरत रहते हैं और कुल मिलकर भाजपा और उसके सहयोगियों के लिए यह परिणाम सुखद संकेत जरूर हैं, किन्तु यह संकेत इतना बड़ा भी नहीं है कि उस पर इतराया जाय! यदि मुझसे व्यक्तिगत रूप से हालिया उपचुनावों पर राय मांगी जाय तो बहुजन समाज पार्टी के नज़रिये से यह बेहद निराशा करने वाला रहा है. लोकसभा में जीरो स्कोर करने वाली बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के रूप में अब तक बसपा को जाना जाता था, किन्तु कई चुनावों में वह उतरी ही नहीं तो अपनी सक्रियता बेहद कम करने से उसके समर्थकों में गहरी निराशा भी उपजी है. हालाँकि, कहा तो यह जाता रहा है कि बसपा का एक बड़ा वोट वर्ग उसके लिए समर्पित रहा है, किन्तु इस पार्टी के लिए समस्या गंभीर हो जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए. हालाँकि, उपचुनाव के हालिया परिणाम मिलेजुले नतीजे लेकर आये हैं, जिसको लेकर किसी भी तरह का दावा नहीं किया जा सकता. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के लिए खतरे की घंटी जरूर बजी है, क्योंकि तीन सीटों में से वह सिर्फ एक ही बचा पायी है.

उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, बिहार और महाराष्ट्र में हुए विधानसभा के उपचुनाव की मतगणना पूरी होने के बाद यह साफ़ हो गया है कि आने वाले दिनों में राजनीतिक दलों को जनता से जुड़े रहने में कड़ी मशक्कत करनी होगी. पंजाब के खडूर साहिब से अकाली उम्मीदवार रवींद्र सिंह की 65,664 वोटों से जीत हो गई है, जिसने निश्चित रूप से अकालियों को राहत पहुंचाई होगी तो त्रिपुरा की अमरपुर से सीपीआईएम के परिमल देबनाथ ने बीजेपी उम्मीदवार को 20,355 वोटों से हरा दिया है. भाजपा के लिए संतोष की बात यहाँ भी रहेगी, क्योंकि उसके उम्मीदवार का दुसरे नंबर पर रहना भी कम ख़ुशी नहीं देगा भाजपा नेताओं को. मध्य प्रदेश के मैहर से भाजपा उम्मीदवार नारायण त्रिपाठी जीते हैं तो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भाजपा की जीत ने आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा को कहीं न कहीं, थोड़ा ही सही, आक्सीजन जरूर दिया है. अगर बात करें फैजाबाद की बीकापुर सीट की तो ये सीट सपा ने अपने नाम कर ली है और सहारनपुर की देवबंद सीट कांग्रेस के माविया अली ने जीत ली है. हालाँकि, उनकी जीत का अंतर 3,400 वोट ही रहे हैं, किन्तु जीत तो फिर भी जीत ही होती है. बिहार के हरलाखी सीट से आरएलएसपी सुधांशु शेखर ने जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी शब्बीर अहमद को 18 हजार मतों से से हराया, जिससे निश्चित रूप से उपेन्द्र कुशवाहा के साथ भाजपा नेतृत्व को भी कहीं न कहीं राहत मिली होगी! आखिर, बिहार में नीतीश कुमार के हाथों एक बड़ी हार झेलने के बाद एनडीए के लिए यह सांस लेने जैसा है.

परिणामों की अगली कड़ी में, महाराष्ट्र की पालघर सीट से शिवसेना के उम्मीदवार अमित घोड़ा ने कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र गावित को 19 हजार वोटों से हरा दिया है, जिसने उद्धव ठाकरे की सरकार में रहकर सरकार को साधते रहने की पालिसी पर मुहर लगाई है तो टीआरएस के भूपाल रेड्डी ने तेलंगाना के मेदक जिले की नारायणखेड़ सीट से एक बार फिर बड़ी चुनावी जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस के प्रतिद्वंदी उम्मीदवार संजीवा रेड्डी को 53,625 वोटों के बड़ें अंतर से हराया है, वहीं तीसरे नंबर पर भूपाल रेड्डी के भाई टीडीपी नेता विजयपाल रेड्डी मात्र 14,787 वोट ही बटोर सके. जहाँ तक कर्णाटक का सवाल है, तो देवदुर्ग में बीजेपी के शिवाना गौड़ा की जीत हुई और 16,871 वोटों का बड़ा अंतर भी रहा तो बिदर सीट कांग्रेस के रहीम खान ने 22,721 वोटों से जीत ली. कर्नाटक के हेब्बल से बीजेपी के नारायणस्वामी ने 19,149 वोटों से जीत दर्ज की, जिसने निश्चित रूप से सत्तारूढ़ कांग्रेस को कहीं न कहीं कचोटा होगा! इसमें सर्वाधिक चर्चा उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन को लेकर है, क्योंकि ये तीनों सीटें सपा सदस्यों के निधन के कारण रिक्त हुई थीं. मुजफ्फरनगर सीट सपा विधायक चितरंजन स्वरूप के निधन के कारण रिक्त हुई थी तो देवबंद सीट सपा के राजेन्द्र सिंह राणा तथा बीकापुर सीट सपा के ही विधायक मित्रसेन यादव के निधन की वजह से खाली हुई थी. लोकतंत्र की अंतिम जंग अंततः बैलेट से ही तय होती है और ताजे उपचुनाव के नतीजों से यह बात एक बार फिर साबित हुई है. उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले पंजाब और उसके बाद उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों को सजग करने का कार्य यह उपचुनाव करेंगे तो पार्टियों को अपनी नीतियों को सजगता से पेश करने में भी सहायक सिद्ध होंगे.

– मिथिलेश कुमार सिंह, नई दिल्ली.

Mithilesh hindi article on bypoll elections, up, bihar, punjab, karnataka,

नरेंद्र मोदी, उपचुनाव, एनडीए, बीजेपी, Narendra Modi, Bypolls, NDA, BJP

समाचार” |  न्यूज वेबसाइट बनवाएं. | सूक्तियाँछपे लेखगैजेट्सप्रोफाइल-कैलेण्डर

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh