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कश्मीर पर पीएम का रवैया सकारात्मक, साकार होगा ‘अटल-स्वप्न’!

Mithilesh's Pen
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अटल बिहारी बाजपेयी ने कई मायनों में जो मापदंड स्थापित किये हैं, उसे पर करने में वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी को अभी काफी समय लगेगा. हालिया मामला कश्मीर समस्या का ही है. एक लंबे विरोध और हिंसक वातावरण के बीच वहां की मुख्यमंत्री महबूब मुफ़्ती ने गृह मंत्रालय के साथ हुई मैराथन बैठक के बाद बड़ी शिद्दत से अटल बिहारी बाजपेयी को याद किया. उन्होंने न केवल बाजपेयी जी को याद किया बल्कि जम्मू कश्मीर की सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi Message for Kashmir, Hindi article, Atal Bihari Vajpayee) से भी कहा कि कश्मीर के लोगों का दिल जीतने और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए उन्हें वही करना चाहिए जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था. प्रधानमंत्री ने इस अवसर को न्यौते के रूप में लिया और कश्मीरी जनता को एक सार्थक सन्देश भी दिया. पीएम ने इस सम्बन्ध में काफी अच्छी-अच्छी बातें कहीं, जिसे वक्त की जरूरत माना जा सकता है. हालाँकि, कश्मीर को लेकर उन्हें कुछ और ठोस मुद्दों पर अपनी राय उसी प्रकार रखनी चाहिए थी, जिस प्रकार मात्र दो दिन पहले उन्होंने ‘फर्जी गोरक्षकों’ पर अपनी राय रखी थी. खैर, कश्मीरियों को पाकिस्तान के भड़काऊ डोज के बाद मरहम की जरूरत थी और हमारे प्रधानमंत्री ने वह मरहम लगाया भी.

PM Narendra Modi Message for Kashmir, Hindi article, Atal Bihari Vajpayee

महान क्रन्तिकारी चंद्रशेखर आज़ाद के गाँव भाबरा, जो मध्यप्रदेश के अलीराजपुर ज़िले में है, वहां का दौरा करने गए पीएम ने वहां ‘आज़ादी 70 साल, याद करो क़ुर्बानी’ नाम के कार्यक्रम की शुरुआत की. इसके साथ-साथ मोदी ने यहाँ एक रैली को संबोधित करते हुए कश्मीर का ख़ास तौर पर ज़िक्र किया और कहा कि कश्मीर शांति चाहता है. इतना ही नहीं, पीएम ने इस मौका का पूरा उपयोग कश्मीरियों से कनेक्शन जोड़ने के लिए किया और कहा कि कश्‍मीर देशवासियों के लिए स्‍वर्गभूमि है, किन्तु मुठ्ठीभर गुमराह हुए लोग कश्‍मीर की परंपरा को  ठेस पहुंचा रहे हैं. भारत तो कश्‍मीर को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहता है, और इसलिए जो आजादी बाकी हिंदुस्‍तानियों की है वो कश्‍मीर की भी है. पीएम ने दृढ संकल्प जताते हुए कहा कि हम कश्‍मीर के युवाओं को रोजगार (PM Narendra Modi Message for Kashmir, Hindi article, New, Employment in Jammu and Kashmir) देना चाहते हैं, कश्‍मीर को मुख्‍यधारा में लाना चाहते हैं, क्योंकि कश्‍मीर हमारा अभिन्‍न हिस्‍सा है. पीएम मोदी ने कश्मीरी युवाओं से कहा कि ‘कश्‍मीर के युवकों के साथ मिलकर कश्‍मीर को दुनिया का स्‍वर्ग बनाया जा सकता है, क्योंकि हर भारतीय कश्‍मीर आना चाहता है और हर भारतीय उसे चाहता है. चरमपंथियों की लानत-मलानत भी पीएम ने इस भाषण में जबरदस्त ढंग से किया और कहा कि कश्‍मीर के नौजवानों को पत्‍थर पकड़ा दिए गए हैं, जबकि उनके हाथ में किताबें होनी चाहिए. हिंसा का विरोध करते हुए पीएम ने अपील की और कहा कि अगर भटके कश्मीरी कंधों से बंदूक हटा देंगे तो ये लाल धरती हरी हो जाएगी. इस कड़ी में ‘कश्‍मीर की जनता शांति चाहती है’ का ज़िक्र पीएं ने बार-बार किया और यह भी दुहराया कि केंद्र सरकार कश्‍मीर को हरसंभव मदद देने को तैयार है.

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साफ़ जाहिर है कि पीएम ने महबूब मुफ़्ती के आह्वान का बेहद सकारात्मक जवाब दिया है तो महबूब मुफ़्ती का भी कर्त्तव्य बनता है कि वह कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के लिए हर हाल में प्रयास करें. महबूब मुफ़्ती समेत अगर दुसरे कश्मीरी नेता भी कश्मीरियों के जीवन में अमन-चैन लाना चाहते हैं तो उन्हें पाकिस्तान के दुष्प्रयासों से अपने युवाओं को बचाना ही होगा तो शेष भारत के साथ कश्मीर का सम्बन्ध और प्रगाढ़ कैसे हो, इस बाबत कश्मीरी पंडितों की वापसी समेत सैनिक कॉलोनी की बसावट (PM Narendra Modi Message for Kashmir, Hindi article, New, Kashmiri Pandit, Defence Colony) जैसे मुद्दों को व्यवहारिक बनाना होगा. भारतीय सैन्य बलों को अपना मित्र बनाकर ही कश्मीर घाटी में ‘कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत’ का अटल स्वप्न साकार किया जा सकता है और यह बात हर एक को बखूबी समझ लेना चाहिए. जितनी जल्दी यह समझ आएगी, उतनी जल्दी हालात में सुधार होंगे, क्योंकि बेवजह ज़िद्द सिर्फ और सिर्फ ‘धब्बे’ ही देगी, वह धब्बे चाहे ‘पैलेट गन’ के हों अथवा वह पाकिस्तान द्वारा फैलाये जा रहे ‘आतंकवाद’ के ही क्यों न हों! पीएम नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता की भावनाओं के साथ चलकर ही कश्मीर को धरती के स्वर्ग का तमगा वापस दिलाया जा सकता है, इस बात में दो राय नहीं! और इस राह पर पहले अटल बिहारी बाजपेयी और अब नरेंद्र मोदी ने कदम बढ़ाकर भारतीय गणतंत्र की मंशा शीशे की तरह साफ़ कर दी है.

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कुछ कश्मीरी जरूर पाकिस्तान के बहकावे में ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगा रहे हैं, किन्तु पाकिस्तान पहले भी दो भागों में बंट चुका है और उसकी करनी से आने वाले दिनों में भी वह कई भागों में बंट जायेगा और अगर नहीं बंटा तो उसके पाले गए हाफीज़, दाऊद, हक्कानी और तालिबान जैसे आतंकवादी ही उसे चीर-फाड़ कर खा जायेंगे. कश्मीरियों को अपनी मासूमियत का फायदा किसी गिलानी या दुसरे अलगाववादियों (PM Narendra Modi Message for Kashmir, Hindi article) को कतई नहीं उठाने देना चाहिए और उन्हें समझना चाहिए कि महबूब मुफ़्ती के मात्र एक इशारे पर किस तरह केंद्र सरकार ने कश्मीर के लिए अपने हृदय के दरवाजे खोल दिए हैं. उम्मीद की जानी चाहिए कि घाटी में जल्द ही हालात सामान्य होंगे और आने वाले दिनों में कश्मीरी आवाम ‘अलगाववादियों और आतंकवादियों’ को खुद ही आइना दिखा देगी, जिसमें उसका साथ देने के लिए भारतीय सेना के जांबांज सिपाही हर कदम पर खड़े हैं!

मिथिलेश कुमार सिंह, नई दिल्ली.

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