कुछ कही कुछ अनकही
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दुआ
दुआ
नाजुक ओस की बूँद सी
दुआ
मलमल पे रखी पंखुड़ी सी
दुआ
स्नेह से ओत प्रोत मीठे से बोल
दुआ
खुशियों का पिटारा
दुआ
लम्बी जिंदगी का आशीर्वाद
दुआ
मुस्कुराहटों अनन्त भंडार
दुआ
चैन की नींद भरी रात
दुआ
हर सुबह उजली
दुआ
हर शाम सुहानी
दुआ
उन अपनों का प्यार
जो दूर हो कर भी
रहते है दिल के बेहद पास
और महसूस कर लेते है
छोटी से छोटी तकलीफ ,
मुश्किलें
अपने अपनों की
और भेज देते है दुआओं की बयार/फुहार
दूर देश से
अपने उन अपनों के लिए
जो दूर है पर दूर नही है
कभी दूर नहीं होते अपने अपनों से
बांध के रखती है
दुआएं
अपनों को अपनों से
हर हाल में
एक न दिखने
न महसूस करने वाली
दिव्य डोर से
—सरोज सिंह —
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