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काम प्यारा होता है नाम नहीं

Great India
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नया साल २०१५ सबको मुबारक हो और सबके दामन में खुशियां भर दे एकता और प्रेम दे
खुदी को कर बुलंद इतना हर तक़दीर से पहले
के खुदा बन्दे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है

एक मनुष्य अगर दिन रात आम जनता की सेवा करता है और जिस पर भी उसकी नज़र पड़ती है वो सबकी हाल चाल पूछता है हर एक की मदद करता है हर एक की मुसीबत में काम आता है जब भी किसी से मिलता है तो यही पूछता है के मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ जथा शक्ति तथा भगति की बात करता है किसी से भेद भाव नहीं रखता है उसके लिए यही काफी है के एक मनुष्य है एक ज़रूरतमंद है बस अपने काम में लग जाता है सबकी दुयायें लेता है सबका आशीर्वाद लेता है जबकि वो अपना काम भी समय से करता है अपना कुछ नुकसान भी नहीं करता बाल बच्चों की अच्छी परवरिश करता है अच्छी तालीम देता है गलत से डरता है जो भी करता है सोच समझ कर करता है बच्चों पर नज़र रखता है जो भी खाता है हलाल ही खाता है किसी का हक़ नहीं मरता किसी से छीन कर नहीं खाता हलाल मिल गया तो खा लिया नहीं तो ईश्वर के आगे हाथ उठा कर मांगता है अपनी उस गलती की माफ़ी चाहता है जो उसने जान बुझ कर नहीं की उसको पता भी नहीं के उसने कोई गलती की है मगर इतना पता है के आज मैं भूखा हूँ इसका मतलब ज़रूर है के मैं ने कुछ तो गलत किया है ऐसा हो नहीं सकता के मैं भूखा रह जाऊं उसने वादा किया है के मैं भूखा रुलाता ज़रूर हूँ मगर सुलाता नहीं तो आज मैं जो रो रहा हूँ ज़रूर मेरे किसी गलती की सजा है क्यूंकि जो भी भूखा रहे या भूख के वजह से भोजन के लिए रोये उसकी दो ही वजह हो सकती है या तो उसने कोई मज़दूरी नहीं की अगर मज़दूरी की भी तो मेहनताना नहीं मिला अगर मिला भी तो चोरी हो गया या फिर उसने उस रब उस ईश्वर की मज़दूरी नहीं की जिसने सबको खिलाने की ज़िम्मेदारी ले रखा है वही कहता है के तुम अगर अगर अपनी धन को मेरे हिसाब से रखो और कमाओ तो मैं उस धन की हिफाज़त करता हूँ अगर तुम अपनी कमाई में से २.५% मेरे गरीब और लाचार बन्दों पर खर्च कर दो और अपनी बाक़ी धन जहाँ दिल करे रखो मैं उसका ज़िम्मा लेता हूँ तो अगर इन सब काम के बावजूद वो मनुष्य भूखा है तो ज़रूर कुछ उस से गलती हुयी है या अगर सब कुछ ठीक है तो फिर उस से उसका रब उसका ईश्वर उस से इम्तेहान ले रहा है के हर तरह का आराम तो मैं ने तुमको दिया है तो तुम मेरी बात मानते हो मेरी पूजा करते हो ज़रा देखूं तो एक समय तुमको भूखा रख कर के तुम अब भी मेरी पूजा करते हो या नहीं लोगों के साथ भलाई करते हो या नहीं लोगों की सेवा करते हो नहीं मुझ पर भरोसा करते हो या नहीं मुझ पर तेरा ईमान है के नहीं अगर यहाँ भी वो मनुष्य कामयाब हो जाता है और अपने रब की हर हुक्म को बखूबी मानता है उसकी इबादत ( पूजा ) करता है उसके हर हाल पर उसका शुक्र करता है और अपने रब से निराश नहीं होता है रब से मुंह नहीं फेरता है अपने भाइयों की मदद करना उनकी हिफाज़त करना उनके हर दुःख दर्द में साथ देना नहीं छोड़ता तो अब उसे इनाम मिलने की बारी आती है सबसे पहले
१. वो मनुष्य जिस गांव का रहने वाला है जिन लोगों का भाई है जिन लोगों का पडोसी है जिनका भी चाहिता है लोग उसे दिल से प्रणाम करते हैं भरोसा करते है इज़्ज़त करते उसे अपना मानते हैं उसके भी दुःख दर्द को अपना मानता है उसका ख्याल रखते हैं उसे जान सेवक या समाज सेवक कहते हैं उसे ईमानदार और नेक कह कर उसकी तारीफ करते हैं उसे अपना लीडर या नेता मानने को तैयार रहते हैं लोगों को संकोच नहीं होता निसंदेह लोग उस मनुष्य के हर फैसले विचार और कारनामे का आदर करना शुरू कर देते हैं इसी तरह उसकी चर्चा और बढ़ने लगती है धीरे धीरे अपने नेक नामी और कर्तब्य से पुरे समाज और फिर पंचायत फिर अंचल फिर जिला फिर राज्य और धीरे धीरे सबका चाहिता होने लगता है सबके ज़ुबान पर उसी की तारीफ और प्रशंशा होती है अब उसे अपने बारे में खुद कुछ कहने की ज़रुरत नहीं पड़ती किसी प्रचार प्रसार की कोई ज़रुरत नहीं होती उसके कारनामे स्वभाव और उसके अच्छे विचार ही उसे लोगों के दिलों तक पहुँचने के लिए काफी है अब वो चाहे तो लोगों के लिए विधायक या संसद बनना कोई मुश्किल नहीं होता आम जनता ही उसे अपना उस स्थान तक पहुंचा देती है .
२. अब अगर वो मनुष्य हर तरह से अपने छवि और कर्तब्य को निभाता रहा ईश्वर की नज़र भी उसे वो शक्ति प्रदान करती है जिस से वो काफी शक्ति शाली हो जाता है रब का भी चाहिता हो जाता है और उसे लोग सूफी संत महाप्रुष भी कहने लगते है रब उसे उस स्थान पर पहुंचा कर सबसे बड़ा इनाम दे देता है .
इस लिए यही सत्य है है के अगर कोई नाम से तिवारी या खान या सैयद है और उसके कारनामे विचार घटिया और असराहनीय हैं इंसानियत से दूर है तो कोई फायदा नहीं लोगों की नफरतों का ही शिकार होगा और अगर कोई मनुष्य नाम से हरिजन या बैठा या किसी भी ज़ात का हो मगर वो सबके दिलों में रहता हो सबके आशीर्वाद का हक़दार हो तो वही प्यारा होता है और उपरोक्त इनामों का हक़दार वही होता है .
इसलिए मैं मानता हूँ के आज आदरणीय नरेंद्र मोदी जी अगर किसी को अपने तरफ बुलाने और अपनी मोहब्बत और आदर्श से किसी को भी अवगत कराना चाहते हैं तो कर्तब्य से लोगों के बताएं लोग खुद बखुद ही आपके विचारों के डोर में बंध कर आपकी मोहब्बत में दीवाना होकर आपके साथ हो जाएंगे

अँधेरे घर का इलाज दिया और रौशनी है अनशन और प्रचार नहीं
ठंढे का इलाज कम्बल और चादर है रोना और चादर की नाम की रट नहीं
प्यासे का इलाज पानी है पानी पर भाषण नहीं
राजगद्दी का इलाज इंसाफ और हर एक की फरयाद सुनना है क्रोध और जात्यता और नाइंसाफी नहीं
जंग के लिए हथियार और हिम्मत की ज़रुरत होती है तादाद और बुज़दिली नहीं

कहाँ है आज ? कल के राष्ट्रपिता महात्मागांधी , सुभाष चन्द्र बॉस , मौलाना अबुल कलाम आज़ाद और देश के शहीदों का अच्छा हिंदुस्तान ? कब होगा फिर सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा ? जहाँ अमन हो प्यार हो एकता हो हया हो पर्दा हो हिम्मत हो हम अपने कारनामे और सवभाव से अपने वतन के नाम ऊँचा कर सकें .

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