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भारत अपनी तरफ से हर बार पुर ज़ोर कोशिश करता है अपनें पडोंसी देश यानि पकिस्तान के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बने रहे, मगर पकिस्तान मानों जैसें ठान के बैठा हो के हम नही सुधरेगें। हाल ही में अमेरिका द्वारा पकिस्तान में घुस कर लादेन को खत्म करने के बाद भारतीय थल सेंना अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय सेंनाए भी जरुरत पडनें पर इस तरह के हमलें करने में सक्षम है, जिसे सुन के पकिस्तान घबरा गया और अंतराष्ट्रीय नियमो व कानूनों की दुहाई देता नज़र आया। भारत को चुप देख पकिस्तान भारत की आलोचना करने से भी बाज़ नही आया। अंतराष्ट्रीय नियमो और कानूनों का हवाला देने वाला पकिस्तान कैसें भुल सकता है कि भारत में घुसपैठ और आतंकवादी हमलो के तार सीधे तौर पर उसी से जुडे है। पकिस्तान में ही ना जाने कितने आतंकी छिप कर बैठे है, कितने ही ट्रैनिंग कैंप चलते है जहा सिर्फ मासुम लोगो को बेवजाह जान से मारना सिखाया जाता है और अब तो दूनिया भी देख चुकी है के अलकायदा प्रमुख भी पकिस्तान में ढेर हुआ। जो देश आतंकवादी गतिविधियो में इतना सक्रिय हो क्यों ऐसे देश से भारत बात करने को तैयार होता है… क्यों ऐसे देश के साथ किसी भी समझौते की बात की जाती है…. जो देश हर बार विश्वास के नाम पर धोखा करता हो क्यों उसके आगे दोस्ती का हाथ बढाया जाता है। आखिर कब तक भारत इस तरह से पकिस्तान के आगे चुप रहेगा, माना भारत एक शांतिप्रिय देश है मगर उसका अपमान करने वाले को करारा जवाब तो मिलना ही चाहिये । वरना ना जाने पकिस्तान जैसे और कितने ही देश भारत के नरम रवैये का फायदा उठा कर उसकी छवि को दाग़दार करने में लग जायेगें।
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