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भक्त का भगवान् को पत्र

JANMANCH
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आदरणीय भगवानजी,
सादर नमस्कार,
बहुत वर्षों से आपने कोई अवतार नहीं लिया है, अतः मैंने सोचा मैं ही पत्र लिखकर आपको याद करा दूँ की आप अवतार भी लेते हैं।  हजारों वर्ष हो गए अवतार लिए शायद भूल गए हों।  न जाने कितने पुरुष – महापुरुष आपके आने के इंतज़ार में सदगति को प्राप्त हो गए और हो रहे हैं, परन्तु आप हैं की आते ही नहीं हैं, अतः पत्र मिलते ही चले आइयेगा।  आपके लिए बहुत सा कार्य इकट्ठा हो गया है, हाँ आपको यहाँ आकर कुछ कठिनाई न हो तो मैं आपको आजकल की परिस्थितियों से अवगत करा देता हूँ।
प्रभु पहली बात तो ये की अब आप अपनी मदद के लिए एक ही भाई या बहन ला सकते हैं वो चार बच्चे और आठ बच्चों का ज़माना गया, फॅमिली प्लानिंग का ज़माना है, बच्चे दो ही अच्छे और आप तो भगवान् हैं एक भी अकेले आओगे तो भी चलेगा।
अब आपको पढाई करनी पड़ेगी वो भी ढाई साल की उम्र से ही।  अब गाय चराने से काम नहीं चलेगा और न ही जंगलों में घूमने से, वैसे भी अब जंगल कट गए हैं और गाय भी कहाँ बची हैं. धडी भर की किताबें मिलेंगी और सब की सब मात्रभाषा ओह नहीं शायद राष्ट्रभाषा इंग्लिश में. पढाई २०-२५ साल तक चलेगी। आप किसी योग्य हो गए तो आपको नौकरी मिल जायेगी वर्ना तो…………! ओह हाँ आप तो भगवान् हैं योग्य तो होंगे ही।
प्रभु बात जरा नाजुक है बुरी भी लग सकती है परन्तु बताना मेरा फर्ज है।  ये आपने पिछले अवतार में बड़े लड़कियों के चक्कर काटे थे अब ऐसा कोई चक्कर नहीं है, एक वैलेंटाइन डे होता है जो लड़की पसंद हो उस दिन उसी को फूल थमा देना , न मटकी तोड़ने की ज़रुरत और न धनुष तोड़ने की, पर हाँ शादी एक ही होगी नहीं तो जेल की हवा खानी पड़  सकती है, और छेड़ा खानी भी देखकर करना, ये बजरंग दल वाले, विद्यार्थी परिषद् वाले बहुत डंडा बजाते हैं, अपना एक यार पिट गया था सो आपको बता दिया।
आप यहाँ आकर नौकरी के चक्कर में मत पड़ना राजनीति में जाना, ओह मैं  भी कितना मूर्ख हूँ आपको तो देश की समस्याएं सुलझानी हैं पहले ही ये राजनीति बताना था। लीजिये प्रभु आपके भी सारे झंझट ख़त्म न नौकरी के लिए मारामारी और न पढाई का झंझट, राजनीति ही ठीक रहेगी. बिना मेहनत के पैसे मिल जायेंगे और सौभाग्य से एक आध घोटाला वोटाला कर दिया तो आपकी पीड़ियाँ आपको दुआएं देंगी।
अब मैं  आपको समस्याएं बतला दूँ
सबसे पहली समस्या है “भ्रष्टाचार”, वैसे तो ये कोई समस्या नहीं है, कुछ सिरफिरे लोगों ने इसे समस्या बना दिया है. कुछ काम -धाम उनके पास है नहीं, और  न उनके बसकी काम करना, तो औरों के  कामों में दखलंदाजी शुरू कर देते हैं, और भ्रष्टाचार – भ्रष्टाचार के नारे लगाने लगते हैं. ऐसे लोगों से आपको धरती माता का बोझ हल्का करना है।
दूसरी है जनसँख्या की समस्या. प्रभु – घर में जितने लोग होते हैं उतने ही कमाते हैं, धन दौलत में बरक्कत होती है. भारत की गरीबी का कारण ही ये है की अब बच्चे नहीं होते, किसी का एक किसी के दो बस।  प्रशासन का भी दिमाग खराब है,  कहता है बच्चे दो ही अच्छे………………क्यों ! बाकियों में अक्ल नहीं होती या हाथ पैर नहीं होते। प्रभू ……….आप भी चार भाई थे और अगले जनम में आठ. यदि आपका मामा  उन्हें न मारता तो आपके सारे भाई जिन्दा होते. पांडव पांच थे और कौरव सौ. ………. ये तो ईश्वरीय प्रसाद है कम नहीं रहना चाहिए ; एक फ़ौज में, एक राजनीती में, एक व्यापार में, एक प्रशासन में, एक इंजिनियर और एक डॉक्टर…….. ! और इतनी ही लड़कियां…………. तभी देश तरक्की कर सकता है। प्रभु आप यहाँ आकर जनसँख्या क्रांति शुरू करना तभी लोग जागेंगे।
तीसरी है रोज़गार की समस्या ; जनसँख्या का सीधा असर रोजगार पर पड़ा है।  कम जनसँख्या के कारण  कम्पनियों में काम करने के लिए आदमी ही नहीं मिलते, जिसके कारण हज़ारों लाखों कम्पनियाँ बंद हो गई हैं कोई काम करने वाला हो तो  कम्पनियां क्यों बंद हों?
गरीबी की समस्या बड़ी विकट  है भगवन, इन गरीबों ने बहुत उधम मचाया हुआ है. कोई भीख मांगता है तो कोई शनिदेव बनकर घूम रहा है. सौ करोड़ में से चालीस करोड़ गरीब. ……. हर डेढ़ आदमी के पीछे एक शनि देव ! सबको परशान करते हैं और कहते हैं परेशां हैं . आप आकर इन गरीबों को समाप्त कर देना देश की गरीबी अपने आप दूर हो जायेगी.
प्रभु एक छोटी सी समस्या है और मेरे जैसे कई युवाओं की भी है कहता कोई नहीं, और आपको में अपना जानकार ही बता रहा हूँ. ” ये लड़की वाले दहेज़ देने में बड़ी आना कानी करते हैं. प्रभु कोई ऐसी स्कीम चलाना की लड़की वाले हर साल लाख – दो लाख दे जाएँ बस …… बहुत है. पर ये बात अपने मन में ही रखना वर्ना दहेज़ का केस बन जाएगा.
और कोई विशेष समस्या तो नहीं है हाँ एक है आतंकवाद! वास्तव में प्रभु हमारी दुष्ट सरकार ने कुछ लोगों को कश्मीर और कुछ अन्य पूर्वी राज्यों में कैद कर रखा है. इसलिए वो बेचारे हंगामा करते हैं अरे उन्हें भी सारे देश में भ्रमण करने दें, खुली हवा में सांस लेने दें वो भी आज़ाद हैं …… उनके साथ नाइंसाफी हो रही है.
प्रभु आप आकर के पहले तो ये सरकार बदलना, आप प्रधानमन्त्री बन जाना और मैं आपका सचिव, फिर मैं आपको साड़ी समस्याएं बताऊंगा और ……….निवारण भी . बस आप आ जाइये मैं आपका इंतज़ार कर रहा हूँ
और माता लक्ष्मी कैसी हैं, और मुनिवर नारद के क्या हाल चाल हैं, पत्र द्वारा सूचित कीजियेगा. शेष सब कुशल है. सभी देवी देवताओं को मेरा नमस्कार कहियेगा.
आपका भक्त
मुनीष कुमार

आदरणीय भगवानजी,

सादर नमस्कार,

बहुत वर्षों से आपने कोई अवतार नहीं लिया है, अतः मैंने सोचा मैं ही पत्र लिखकर आपको याद करा दूँ की आप अवतार भी लेते हैं।  हजारों वर्ष हो गए अवतार लिए शायद भूल गए हों।  न जाने कितने पुरुष – महापुरुष आपके आने के इंतज़ार में सदगति को प्राप्त हो गए और हो रहे हैं, परन्तु आप हैं की आते ही नहीं हैं, अतः पत्र मिलते ही चले आइयेगा।  आपके लिए बहुत सा कार्य इकट्ठा हो गया है, हाँ आपको यहाँ आकर कुछ कठिनाई न हो तो मैं आपको आजकल की परिस्थितियों से अवगत करा देता हूँ।

प्रभु पहली बात तो ये की अब आप अपनी मदद के लिए एक ही भाई या बहन ला सकते हैं वो चार बच्चे और आठ बच्चों का ज़माना गया, फॅमिली प्लानिंग का ज़माना है, बच्चे दो ही अच्छे और आप तो भगवान् हैं एक भी अकेले आओगे तो भी चलेगा।

अब आपको पढाई करनी पड़ेगी वो भी ढाई साल की उम्र से ही।  अब गाय चराने से काम नहीं चलेगा और न ही जंगलों में घूमने से, वैसे भी अब जंगल कट गए हैं और गाय भी कहाँ बची हैं. धडी भर की किताबें मिलेंगी और सब की सब मात्रभाषा ओह नहीं शायद राष्ट्रभाषा इंग्लिश में. पढाई २०-२५ साल तक चलेगी। आप किसी योग्य हो गए तो आपको नौकरी मिल जायेगी वर्ना तो…………! ओह हाँ आप तो भगवान् हैं योग्य तो होंगे ही।

प्रभु बात जरा नाजुक है बुरी भी लग सकती है परन्तु बताना मेरा फर्ज है।  ये आपने पिछले अवतार में बड़े लड़कियों के चक्कर काटे थे अब ऐसा कोई चक्कर नहीं है, एक वैलेंटाइन डे होता है जो लड़की पसंद हो उस दिन उसी को फूल थमा देना , न मटकी तोड़ने की ज़रुरत और न धनुष तोड़ने की, पर हाँ शादी एक ही होगी नहीं तो जेल की हवा खानी पड़  सकती है, और छेड़ा खानी भी देखकर करना, ये बजरंग दल वाले, विद्यार्थी परिषद् वाले बहुत डंडा बजाते हैं, अपना एक यार पिट गया था सो आपको बता दिया।

आप यहाँ आकर नौकरी के चक्कर में मत पड़ना राजनीति में जाना, ओह मैं  भी कितना मूर्ख हूँ आपको तो देश की समस्याएं सुलझानी हैं पहले ही ये राजनीति बताना था। लीजिये प्रभु आपके भी सारे झंझट ख़त्म न नौकरी के लिए मारामारी और न पढाई का झंझट, राजनीति ही ठीक रहेगी. बिना मेहनत के पैसे मिल जायेंगे और सौभाग्य से एक आध घोटाला वोटाला कर दिया तो आपकी पीड़ियाँ आपको दुआएं देंगी।

अब मैं  आपको समस्याएं बतला दूँ

सबसे पहली समस्या है “भ्रष्टाचार”, वैसे तो ये कोई समस्या नहीं है, कुछ सिरफिरे लोगों ने इसे समस्या बना दिया है. कुछ काम -धाम उनके पास है नहीं, और  न उनके बसकी काम करना, तो औरों के  कामों में दखलंदाजी शुरू कर देते हैं, और भ्रष्टाचार – भ्रष्टाचार के नारे लगाने लगते हैं. ऐसे लोगों से आपको धरती माता का बोझ हल्का करना है।

दूसरी है जनसँख्या की समस्या. प्रभु – घर में जितने लोग होते हैं उतने ही कमाते हैं, धन दौलत में बरक्कत होती है. भारत की गरीबी का कारण ही ये है की अब बच्चे नहीं होते, किसी का एक किसी के दो बस।  प्रशासन का भी दिमाग खराब है,  कहता है बच्चे दो ही अच्छे………………क्यों ! बाकियों में अक्ल नहीं होती या हाथ पैर नहीं होते। प्रभू ……….आप भी चार भाई थे और अगले जनम में आठ. यदि आपका मामा  उन्हें न मारता तो आपके सारे भाई जिन्दा होते. पांडव पांच थे और कौरव सौ. ………. ये तो ईश्वरीय प्रसाद है कम नहीं रहना चाहिए ; एक फ़ौज में, एक राजनीती में, एक व्यापार में, एक प्रशासन में, एक इंजिनियर और एक डॉक्टर…….. ! और इतनी ही लड़कियां…………. तभी देश तरक्की कर सकता है। प्रभु आप यहाँ आकर जनसँख्या क्रांति शुरू करना तभी लोग जागेंगे।

तीसरी है रोज़गार की समस्या ; जनसँख्या का सीधा असर रोजगार पर पड़ा है।  कम जनसँख्या के कारण  कम्पनियों में काम करने के लिए आदमी ही नहीं मिलते, जिसके कारण हज़ारों लाखों कम्पनियाँ बंद हो गई हैं कोई काम करने वाला हो तो  कम्पनियां क्यों बंद हों?

गरीबी की समस्या बड़ी विकट  है भगवन, इन गरीबों ने बहुत उधम मचाया हुआ है. कोई भीख मांगता है तो कोई शनिदेव बनकर घूम रहा है. सौ करोड़ में से चालीस करोड़ गरीब. ……. हर डेढ़ आदमी के पीछे एक शनि देव ! सबको परशान करते हैं और कहते हैं परेशां हैं . आप आकर इन गरीबों को समाप्त कर देना देश की गरीबी अपने आप दूर हो जायेगी.

प्रभु एक छोटी सी समस्या है और मेरे जैसे कई युवाओं की भी है कहता कोई नहीं, और आपको में अपना जानकार ही बता रहा हूँ. ” ये लड़की वाले दहेज़ देने में बड़ी आना कानी करते हैं. प्रभु कोई ऐसी स्कीम चलाना की लड़की वाले हर साल लाख – दो लाख दे जाएँ बस …… बहुत है. पर ये बात अपने मन में ही रखना वर्ना दहेज़ का केस बन जाएगा.

और कोई विशेष समस्या तो नहीं है हाँ एक है आतंकवाद! वास्तव में प्रभु हमारी दुष्ट सरकार ने कुछ लोगों को कश्मीर और कुछ अन्य पूर्वी राज्यों में कैद कर रखा है. इसलिए वो बेचारे हंगामा करते हैं अरे उन्हें भी सारे देश में भ्रमण करने दें, खुली हवा में सांस लेने दें वो भी आज़ाद हैं …… उनके साथ नाइंसाफी हो रही है.

प्रभु आप आकर के पहले तो ये सरकार बदलना, आप प्रधानमन्त्री बन जाना और मैं आपका सचिव, फिर मैं आपको साड़ी समस्याएं बताऊंगा और ……….निवारण भी . बस आप आ जाइये मैं आपका इंतज़ार कर रहा हूँ

और माता लक्ष्मी कैसी हैं, और मुनिवर नारद के क्या हाल चाल हैं, पत्र द्वारा सूचित कीजियेगा. शेष सब कुशल है. सभी देवी देवताओं को मेरा नमस्कार कहियेगा.

आपका भक्त

मुनीष कुमार

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