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शहर गीत (मुजफ्फरपुर शहर के लिए एक गीत)

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मेरी शान है, पहचान है,
इस पर मुझे अभिमान है,
मेरा शहर तो मेरी जान है…….2

शक्ति यहाँ, भक्ति यहाँ.
खुशियों की है बस्ती यहाँ,
अल्लाह कहीं बसता यहाँ,
बसता कहीं पे, तो देखो राम हैं.

आँखों में हैं सपने यहाँ,
हर ओर हैं अपने यहाँ,
दुनिया भले यह छोटी-सी हो,
पर दिल इसका, तो खुला आसमान है.
मेरा शहर तो मेरी जान है…..

सूरज-सी हो इसकी चमक,
हर ओर हो इसकी धमक,
मेरा तो बस, यही अरमान है,
मेरा शहर तो मेरी जान है……

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