Menu
blogid : 4337 postid : 137

कल

narayani
narayani
  • 40 Posts
  • 331 Comments

कल…कहा था तुमसे बार बार
जिद न करो,
तूफान का अंदेशा है
नाव किनारे रहने दो,

हवा का रुख ठीक नही
कल तक इंतजार करो.

तुम हठी हुए…
“नही नही कल का क्या,
मुझे तो आज पर भरोसा है
समय की कीमत जानो
जो गया , तो गया ….”

कश्ती छुटी किनारे से
थोडा ही सरक पाई,
हवा तेज हुई
थपेड़ा हवा का डगमगा रहा कश्ती,
ना किनारे ना पार…
बीच मझधार

अब क्यों अफ़सोस
तूफान थम ही जाता कल,
काश कश्ती न डाली होती …कल

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh