1984 सिख विरोधी दंगों के मामले में लोकसभा के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को बरी किए जाने से सिख समुदाय में रोष देखने को मिल रहा है. दिल्ली की एक अदालत द्वारा दिए गए इस फैसले के बाद दिल्ली और पंजाब में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. नाराज प्रदर्शनकारियों ने जम्मू कश्मीर हाइवे और दिल्ली मेट्रो स्टेशन बाधित कर दिया.
84 के दंगों के दोषियों को फांसी दो और हमें न्याय चाहिए जैसे नारों का इस्तेमाल करके दिल्ली में सिख बहुल इलाके में लोगों द्वारा भारी प्रदर्शन किया गया. तिलक नगर पुलिस स्टेशन तक मार्च करते हुए प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था को बाधित किया. प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन में घुसकर मेट्रो सेवा को भी बाधित किया.
गौरतलब है कि मंगलवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक केस से सज्जन कुमार को दिल्ली की कड़कड़ड़ूमा अदालत ने बरी कर दिया. उनके ऊपर दिल्ली कैंट इलाके में पांच लोगों की मौत का मामला चल रहा था. कोर्ट ने सज्जन को तो बरी कर दिया, लेकिन उन्हीं के साथ आरोपी बनाए गए बाकी पांच लोगों को दोषी करार दिया. फैसला आने के बाद अदालत के बाहर लोगों में नाराजगी देखी गई. नाराजगी इस कदर थी कि एक व्यक्ति ने अदालत के कक्ष में न्यायाधीश पर जूता भी फेंक दिया.
विदित हो कि बाहरी दिल्ली से सांसद रहे कांग्रेस के नेता सज्जन कुमार 1984 में अपने सिख अंगरक्षकों के हाथों तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्याकांड के बाद चर्चा में आए थे. इसके बाद देश में हुए सिख विरोधी दंगों में 11 हजार सिख मारे गए. अकेले दिल्ली में दंगाइयों ने 4 हजार सिखों को मार डाला था. सज्जन कुमार पर आरोप हैं कि उन्होंने 84 के दंगों में सिखों की हत्या, सांप्रदायिक हिंसा फैलाने और लोगों को दंगों के लिए उकसाया था.
दिल्ली पुलिस पर मामले में आंख मूंदने और कांग्रेस नेताओं को बचाने के संगीन आरोप लगे. इस मामले में 2005 में जस्टिस जी टी नानावटी आयोग की सिफारिश पर ही सज्जन कुमार के खिलाफ ये मामले दर्ज किए गए थे जिसके बाद से 84 के दंगों का केस सीबीआई के पास है. लेकिन सबूतों के अभाव में सज्जन कुमार ज्यादातर मामलों में बरी हो चुके हैं. अब उनके खिलाफ सिर्फ एक केस बचा है. दिल्ली के सुल्तानपुरी में हुए दंगों में भी वो मुख्य आरोपी हैं. ये केस दिल्ली हाई कोर्ट में है. इसी मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने आदेश दिया है कि कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जगदीश टाइटलर के खिलाफ 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में फिर से जांच शुरू की जाए.
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