देश में वीआईपी कल्चर खत्म करने की बात हमेशा होती रहती है, लेकिन इसे हकीकत में आज तक नहीं बदला जा सके। गाडि़यों पर लालबत्ती लगाने की रोक के बावजूद आए दिन वीआईपी कल्चर के मामले सामने आते रहते हैं। इन पर विवाद होता है, सरकार पर आरोप लगते हैं, लेकिन स्थिति फिर वही ‘ढाक के तीन पात’ हो जाती है। वीआईपी कल्चर खत्म करने के दावों के बीच एक ऐसी रिपोर्ट आई है, जो कुछ और ही हकीकत बयां करती है। देश में वीआईपी कल्चर अभी भी पूरी तरह हावी है, इसका अनुमान BPR&D की रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार देश के 20 हजार वीआईपी की सुरक्षा में प्रत्येक वीआईपी पर लगभग 3 पुलिसकर्मी तैनात हैं। वहीं, 663 आम लोगों पर सिर्फ 1 पुलिसकर्मी है।
लक्ष्यद्वीप में एक भी वीआईपी की सुरक्षा में नहीं हैं पुलिसकर्मी
BPR&D) द्वारा गृह मंत्रालय के लिए तैयार डेटा के अनुसार, इस वक्त देश में 19.26 लाख पुलिसकर्मी हैं। इनमें से 56,944 पुलिसकर्मी 20,828 वीआईपी की सुरक्षा में तैनात हैं। इस हिसाब से भारत के 29 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में वीआईपी की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या औसतन 2.73 है। लक्ष्यद्वीप देश का अकेला प्रदेश है, जहां किसी भी वीआईपी की सुरक्षा में पुलिसकर्मी तैनात नहीं हैं।
जनता की हिफाजत के लिए पुलिसकर्मियों की कमी
इसके ठीक उलट आम जनता की हिफाजत के लिए पुलिसकर्मियों की भारी कमी है। आम जनता की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या के मामले में भारत अभी काफी पीछे है। यहां 663 लोगों पर मात्र 1 पुलिसकर्मी तैनात है। केंद्र सरकार की ओर से वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए ही लालबत्ती पर रोक लगाई गई। बावजूद इसके पुलिकर्मियों की तैनाती से ही लोग वीआईपी कल्चर से जुड़े हैं।
बिहार में 3,200 वीआईपी की सुरक्षा में 6,248 पुलिसकर्मी
BPR&D की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा वीआईपी कल्चर उत्तर और पूर्वी भारत में है। बिहार में आम जनता के लिए पुलिसकर्मियों की नियुक्ति का अनुपात सबसे खराब है। वहीं, यहां 3,200 वीआईपी की सुरक्षा में 6,248 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पश्चिम बंगाल में 2,207 वीआईपी की सुरक्षा के लिए 4,233 पुलिसकर्मी तैनात हैं। पश्चिम बंगाल में वीआईपी सुरक्षा के लिए नियमों के तहत सिर्फ 501 पुलिसकर्मियों को ही तैनात करने का प्रावधान है।
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