‘नहीं बच पाते मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे भी. जब दुनिया रोज सरहदों में बंटने लगती है’. इस एक पंक्ति में धर्म और दुनिया की अलग होती दीवारों की वो कहानी छुपी हुई है, जिसे कोई आसानी से स्वीकार नहीं करना चाहता. लेकिन जहां देश में असहनशीलता, देशद्रोह और धर्म से जुड़े हुए तनावपूर्ण मामले देखने को मिल रहे है, वहीं दूसरी ओर सरहद पार से एक अच्छी खबर आ रही है. दरअसल, पाकिस्तान में 300 साल पुराना भाई बीबा सिंह गुरुद्वारा 64 साल बाद बुधवार को दोबारा खोल दिया गया.
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इसे बंटवारे के बाद से बंद कर दिया गया था. 300 साल पुराने इस गुरुद्वारे से कई हैरान कर देने वाली बातें जुड़ी हुई है. पेशावर के जोगीवारा में स्थित गुरुद्वारे को सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह के भाई बीबा सिंह ने बनवाया था. बुधवार को एक सेरेमनी में इवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) ने गुरद्वारे को ऑफिशियली सिख कम्युनिटी को सौंप दिया. बीती तीन सदियों से सिख कम्युनिटी जोगीवारा के गुरद्वारे में आती रही है. लेकिन 1947 में पार्टीशन के बाद ज्यादातर परिवार भारत के अलावा पाक के रावलपिंडी, हसन अब्दल और खैबर जैसे इलाकों में चली गई थीं.
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इसके बाद यहां लोगों को आना बंद हो गया. उस समय पाकिस्तान के धार्मिक डिपार्टमेंट ने इसे अपनी कस्टडी में लेकर बंद कर दिया था. गुरुद्वारे को दोबारा खोले जाने के फैसले के बाद इस पर साढ़े आठ लाख रुपए खर्च कर रेनोवेशन किया गया. यह काम 2013 से चल रहा था. ऐसा माना जाता है कि पाकिस्तान के पेशावर में लगभग 1200 लोग रहते हैं. यह भी माना जाता है कि इसे सिख महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाया था. उन्होंने पंजाब पर 1780 से 1839 तक हुकूमत की थी…Next
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