अपने देश की किसी इमारत पर तिरंगा फहरते हुए देखकर बहुत अच्छा अनुभव होता है। अब आपको ऐसा ही अनुभव देश के 75 रेलवे स्टेशनों पर जाकर होगा। भारतीय रेलवे ने देश के 75 सबसे व्यस्त स्टेशनों के परिसर में इस साल के अंत तक 100 फुट ऊंचा राष्ट्रध्वज लगाने का फैसला किया है। रेलवे बोर्ड ने 22 अक्टूबर को इस सिलसिले में आदेश जारी किया है जिसे सभी क्षेत्रीय रेलवे को भेज दिया गया है।
मुंबई में 7 स्टेशनों पर लगेंगे तिरंगे
आदेश के मुताबिक संबद्ध अधिकारियों से अगले महीने के अंत तक राष्ट्र ध्वज लगाने का काम पूरा करने को कहा गया है। यह आदेश रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (स्टेशन विकास) विवेक सक्सेना ने जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बोर्ड ने पहले के ए 1 श्रेणी के सभी रेलवे स्टेशनों पर कम से कम 100 फुट ऊंचा राष्ट्रध्वज लगाने का फैसला किया है। मुंबई में सात स्टेशनों पर राष्ट्रध्वज लगाए जाएंगे।
जानें राष्ट्रीय ध्वज फहराने के नियम
तिरंगा हमेशा सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही फहराया जा सकता है।
तिरंगे को कभी झुकाया नहीं जाता, न ही जमीन पर रखा जाता है। आदेश के बाद ही सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराया जा सकता है।
झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता, झंडे को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुचाया जाता है। झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
तिरंगे (Flag) का आकार आयताकार होना चाहिए। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए।
तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए।केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके तिरंगा फहराना गलत है।
तिरंगे को हमेशा अपने पास की सबसे ऊंची जगह पर फहराना चाहिए।
तिरंगे (National Flag) का इस्तेमाल किसी कार्यक्रम में मेज को ढकने या मंच को सजाने में नहीं किया जाता है।
कभी भी फटा या मैला-कुचैला तिरंगा नहीं फहराया जाता है। झंडा फट जाए, मैला हो जाए तो उसे एकांत में आग में जला देना चाहिए या अन्य किसी तरीके से नष्ट करना चाहिए, ताकि उसकी गरिमा बनी रहे। झंडे को पवित्र नदी में जल समाधि भी दी जा सकती है…Next
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