कहते हैं पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं होती। पढ़ने के लिए हौंसले और लगन की जरूरत होती है। इस बात को सही साबित कर दिखाया है 87 साल की महिला ने। लक्ष्मी श्रीवास्तव ने 1955 में एग्जाम दिया था। दशकों बाद एक बार फिर वह अपनी जिंदगी को स्वस्थ और प्रेरणादायक बनाने के जज्बे के साथ परीक्षा देने की तैयारी कर रही हैं।
इग्नू से किया है अप्लाई
लक्ष्मी ने इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के द्वारा संचालित फूड ऐंड न्यूट्रिशन के सर्टिफिकेट प्रोग्राम में दाखिला लिया है। महानगर से संचालित ओल्ड एज हॉस्पिटल में रह रहीं लक्ष्मी को अब कोर्स से संबंधित मटीरियल का इंतजार है। इग्नू के अधिकारी कहते हैं कि सरकारी स्कूल से सेवानिवृत्त प्रिंसिपल उनकी यूनिवर्सिटी के सर्टिफिकेट कोर्स में दाखिला लेने वालीं राज्य की सबसे बुजुर्ग महिला हैं।
संस्कृत और भूगोल में की है मास्टर डिग्री
संस्कृत और भूगोल विषयों में मास्टर्स डिग्रीधारक लक्ष्मी कहती हैं कि ओल्ड एज होम में इग्नू के कुछ अधिकारी वहां के स्थानीय लोगों के साथ समय व्यतीत करने आए थे तभी उनके दिमाग में इस कोर्स का विचार आया। दरअसल, वरिष्ठ नागरिकों के साथ बातचीत करते हुए यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने कुछ पाठ्यक्रमों की जानकारी दी थी। इस पर वहां के अन्य 50 स्थानीय लोगों की ओर से तो कोई जवाब नहीं आया लेकिन लक्ष्मी को इस विचार ने काफी प्रभावित किया।
लक्ष्मीजी की पढ़ाई 1955 में पूरी हो गई थी और सर्विस 1992 में पूरी हुई।’ लक्ष्मी के इस निर्णय ने ओल्ड-एज होम में रहने वाले अन्य लोगों को भी प्रभावित किया है। ओल्ड एज होम में रहने वाले एक बुजुर्ग पारस नाथ पाठक (93) कहते हैं कि नकारात्मक विचारों से खुद को दूर रखने का यह एक शानदार तरीका है।…Next
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