उनकी शादी के लिए मंडप तैयार था. बाराती दरवाज़े पर आ चुके थे और उनका स्वागत-सत्कार किया जा रहा था. इसके बाद वो समय आया जब दूल्हा-दुल्हन बैठकर वैवाहिक रस्मों को पूरा कर रहे थे. इसी दौरान पंडित ने एक-दूसरे के गले में वरमाला डालने को कहा. दुल्हन ज्यों ही दूल्हे के गले में वरमाला डालने लगी दूल्हे के साथ कुछ ऐसा हुआ कि दुल्हन ने वहाँ मौजूद एक मेहमान के गले में वरमाला डाल उसके साथ सात फेरे ले लिये. पढ़िये एक शादी की कहानी जिसमें दुल्हन के निर्णय से मिनटों में वरमाला पहनने वाला दूल्हा ही बदल गया…
एक भारतीय शादी में ऐसी ही असहज स्थिति तब पैदा हो गई जब दुल्हन ने होने वाले दूल्हे को छोड़ एक मेहमान से शादी कर ली. वास्तव में हुआ यह कि मोरादाबाद निवासी 25 वर्षीय जुगल किशोर की शादी रामपुर की रहने वाली इंदिरा हो रही थी. वरमाला शुरू होने तक दोनों परिवार बेहद खुश थे. लेकिन ‘वरमाला’ ने क्रिकेट के किसी सुपरओवर की तरह शादी का रूख ही बदल दिया. वरमाला के दौरान दूल्हे को मिरगी का दौरा पड़ गया जिसके कारण वह सभी के सामने मंडप में ही गिर पड़ा.
जब इंदिरा ने यह देखा तो उसे जुगल की बीमारी वाली बात से उसके परिवारवासलों को अब तक अनभिज्ञ रखने की बात पर गुस्सा आ गया. इस कारण उसने अपना निर्णय बदल लिया. उसने वहाँ घोषणा कर दी कि वह अब जुगल से नहीं बल्कि मेहमानों में से ही किसी एक से शादी कर लेगी. शादी के लिए उसने जिसे चुना उसका नाम हरपाल सिंह था. इसे इत्तेफाक कहें या कुछ और हरपाल सिंह उसकी बहन का कोई रिश्तेदार निकल गया. एक बार फिर मंडप में वरमाला की तैयारी शुरू हो गई, लेकिन इस बार दूल्हा कोई और था.
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उधर जुगल किशोर जब चिकित्सकों के पास से उपचार के बाद लौटा तो उसने अपनी होने वाली पत्नी को किसी और की पत्नी बने देखा. उसने अपने परिवार, मित्रों व रिश्तेदारों के बीच अपने नाक की दुहाई का बात कहकर किसी तरह इंदिरा को मनाने की पूरी कोशिश की. लेकिन इंदिरा अपने निर्णय को बदलने के लिए तैयार नहीं हुई. इंदिरा और उसके परिवारवालों की अडिगता ने जुगल किशोर के परिवारवालों को तनावपूर्ण स्थिति में ला खड़ा किया, जिसके कारण वहाँ दोनों पक्षों के बीच ग्लास और प्लेटों की फेंका-फेंकी शुरू हो गई. लेकिन इन सबके बावजूद इंदिरा ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने से इंकार कर दिया. अंत में जुगल किशोर के परिवारवालों ने पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज़ करा दी. संबंधित पुलिस अधिकारियों ने दोनों पक्षों के बीच सुलह करवा मामले को शांत कर दिया. अंतत: जुगल अपने परिवारवालों को साथ लेकर वापस मोरादाबाद चला गया.Next….
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