पिछले कुछ दिनों से धर्मसंकट में फंसी आम आदमी पार्टी ने जनता से रायशुमारी के बाद तय किया है कि वह दिल्ली में सरकार बनाने वाली हैं. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में अपने समर्थकों के ‘जनमत संग्रह’ के बाद ही सरकार बनाने का फैसला किया है. पार्टी की ओर से बताया गया है कि रायशुमारी में करीब 80 फीसद लोगों की राय कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने की है और वे मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल को देखना चाहते हैं.
पार्टी के मुताबिक पूरी दिल्ली में 128 सभाए आयोजित की गई जिसमें 110 जगहों पर लोगों ने सरकार बनाने के समर्थन में ‘हां’ कहा जबकि 18 जगहों पर लोगों ने ‘ना’ कहा. जनता से राय लेने के लिए आप ने कई तरीको को अपनाया था.
कांग्रेस का समर्थन
चुनाव में 28 सीटें जितने के बाद सरकार बनने के लिए किसी से समर्थन न लेने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी ने आखिरकार कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का ऐलान किया है. आपको बताते चले कांग्रेस वही पार्टी है जिसकी भ्रष्ट नीतियों की वजह से ही आम आदमी पार्टी के नेताओं ने राजनीति में कदम रखा था.
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सरकार बनाने के लिए जनमत संग्रह का सहारा
अपने पहले ही चुनाव में सफलता के झंडे गाड़ने वाली आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने के लिए एक ऐसा अनोखा तरीका अपनाया जो आज के लोकतांत्रिक युग में असंभव माना जाता है. आप ने सरकार बनाने के लिए जनमत संग्रह का सहारा लिया और लोगों पर छोड़ दिया कि उन्हें कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनानी चाहिए या नहीं. भारत के राजनीतिक इतिहास में इस तरह के जनमत संग्रह का उदाहरण नहीं मिलता. इसके लिए आप ने सोशल मीडिया का भी काफी इस्तेमाल किया. उधर बीजेपी ने दिल्ली में सरकार बनाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से कराए जा रहे जनमत संग्रह को `हास्यास्पद’ बताया.
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अरविंद नहीं चाहते थे सरकार बनाना
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के समर्थन से सरकार नहीं बनाना चाहते थे. वह शुरू से ही इस तरह के गठबंधन के खिलाफ थे लेकिन दिल्ली में कराए गए जनमत संग्रह और आप के विधायकों के दबाव की वजह से उन्हें अपने विचारों में बदलाव करना पड़ा.
क्या काम करके दिखाएगी आप
कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी पर यह आरोप लगाया जा रहा था कि ‘आप’ सरकार इसलिए नहीं बना रही क्योंकि वह जनता से किए हुए वादों को पूरा नहीं करना चाहती. आप के नेता केजरीवाल ने कहा, हमने अपने घोषणापत्र में जितने वादे किए हैं, हम वह सब पूरा करेंगे. हमने अपना घोषणापत्र वृहद परामर्श और काफी विचार-विमर्श के बाद तैयार किया है इसलिए दिल्ली की जनता की हमसे बहुत अधिक अपेक्षाएं हैं, और हम उन्हें पूरा करके दिखाएंगे.
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