अदालत ने आरुषि के माता-पिता राजेश तलवार व नूपुर तलवार को हत्या तथा सबूत मिटाने का दोषी करार दिया है. कल यानि मंगलवार को तलवार दंपति को इस मामले में सजा सुनाई जाएगी.
गौरतलब है कि 16 मई, 2008 को 14 साल की आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या हो गई थी. पहले हत्या का आरोप उसके नौकर हेमराज पर लगा था लेकिन बाद में हेमराज की लाश तलवार के घर की छत से मिली जिसके बाद से ही राजेश और नूपुर तलवार पर ही शक की सुई टिकी हुई है.
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आरुषि हत्याकांड की पूरी कहानी
16 मई, 2008 :- डीपीएस की छात्रा आरुषि का शव उसके नोएडा, सेक्टर-25 स्थित घर के कमरे में मिला. नौकर हेमराज पर लगा हत्या का आरोप.
17 मई 2008 :- चौबीस घंटे बाद आरुषि के घर की छत से नौकर हेमराज का शव बरामद.
Aarushi-Hemraj double murder case
23 मई 2008 :- नोएडा पुलिस ने आरुषि के पिता डॉ. राजेश तलवार को हत्या का आरोपी बताते हुए गिरफ्तार किया. मेरठ जोन के तत्कालीन आईजी गुरुदर्शन सिंह ने आरुषि व हेमराज को आपत्तिजनक स्थित में पाए जाने को बताया हत्या की वजह.
31 मई, 2008 :- हत्याकांड की जांच सीबीआई को दी गई.
1 जून, 2008 :- सीबीआई ने जांच की जिम्मेदारी संभाली. उत्तर प्रदेश शासन ने मेरठ जोन के आइईजी, मेरठ रेंज के डीआईजी और नोएडा एसएसपी का तबादला किया.
13 जून, 2008 :- नार्को टेस्ट के बाद सीबीआई ने डॉ. तलवार के कंपाउंडर कृष्णा को गिरफ्तार किया.
27 जून, 2008 :- डॉ. अनिता दुर्रानी के नौकर राजकुमार को सीबीआई ने किया गिरफ्तार.
11 जुलाई 2008 :- डॉ. तलवार के पड़ोस में रहने वाले नौकर विजय मंडल को सीबीआई ने किया गिरफ्तार. 50 दिन जेल में रहने के बाद डॉ. राजेश तलवार रिहा.
12 सितंबर 2008 :- कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल सुबूत के अभाव में रिहा.
30 दिसंबर 2010 :- सीबीआई ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की.
25 जनवरी 2011 :- आरुषि के पिता पर गाजियाबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में हमला.
9 फरवरी 2011 :- गाजियाबाद की विशेष अदालत ने तलवार दंपती को सबूत मिटाने और आरुषि हत्याकांड में शामिल होने का आरोप तय किया.
28 फरवरी 2011 :- सीबीआई की विशेष अदालत ने तलवार दंपती के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया.
11 अप्रैल 2012 :- कोर्ट ने नूपुर तलवार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया. नूपुर तलवार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की. जिस पर पर कोर्ट ने नूपुर की गिरफ्तारी पर तीस अप्रैल तक के लिए रोक लगा दी.
30 अप्रैल 2012 :- नूपुर तलवार ने सीबीआई की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया. कोर्ट ने जेल भेजा.
3 मई 2012 :- सत्र न्यायालय ने नूपुर की जमानत याचिका खारिज की.
14 मई 2012 :- गाजियाबाद कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले से जुड़े दस्तावेज तलवार दंपत्ति को सौंपने को कहा.
15 मई 2012 :-सीबीआई ने तलवार दंपत्ति को दस्तावेज सौंपे.
16 मई 2012 :- सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई. इलाहाबाद हाईकोर्ट में नूपुर की जमानत याचिका पर सुनवाई टली.
22 मई 2012 :- गाजियाबाद की विशेष अदालत में तलवार दंपत्ति पर आरुषि हत्याकांड में आरोप तय करने पर सुनवाई पूरी.
8 जून, 2012 :- आरुषि- हेमराज हत्याकांड मामले में तलवार दंपति को अभियुक्त बनाते हुए सुनवाई शुरू.
17 सितंबर, 2012 :- सुप्रीम कोर्ट से नूपुर तलवार को जमानत मिली.
16 अप्रैल, 2013 :- सीबीआइ ने तलवार दंपति को हत्याकांड का दोषी बताया.
24 मई, 2013 :- बचाव पक्ष ने दलील दी कि तलवार दंपति पर लगे सारे आरोप मात्र एक अनुमान है, इनमें कोई सच्चाई नहीं.
12 नवंबर, 2013 :- अंतिम बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने 25 नवंबर के लिए फैसला सुरक्षित रख दिया.
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