भारतीय राजनीति एक कीचड़ से भरे दलदल की तरह है जिसमें जो भी उतरता है वह सन जाता है. इसमें कोई कितना भी कोशिश कर ले लेकिन वह अपनी साफ-सुथरी छवि ज्यादा दिनों तक बरकरार नहीं रख पाता. पिछले साल नवंबर में अरविंद केजरीवाल ने जब गांधीवादी अन्ना हजारे से अलग होकर अपनी नई पार्टी (आम आदमी पार्टी) बनाई थी, तब उनका यही तर्क था कि वह भारतीय राजनीति और व्यवस्था में व्याप्त कीचड़ को निकालने आए हैं लेकिन आज अगर देखें वह खुद ही इस कीचड़ में सने हुए दिखाई दे रहे हैं.
इस बार अरविंद केजरीवाल की पार्टी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रही है. कई सर्वेक्षण बता रहे हैं कि ‘आप’ को दिल्ली चुनाव में संतोषजनक सीटें हासिल हो सकती हैं. भले ही अरविंद की पार्टी दिल्ली में सरकार न बना पाए लेकिन यह तो पक्का है कि उनके बिना किसी (कांग्रेस और बीजेपी) की सरकार भी नहीं बनेगी. इस चुनाव में अरविंद की मजबूती को देखते हुए कांग्रेस और बीजेपी को ‘आप’ से अच्छी खासी चुनौती मिल रही है.
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सर्वे में ‘आप’ की मजबूती को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि अरविंद केजरीवाल के रास्ते में रोड़े नहीं हैं. आज उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती समाजसेवी अन्ना हजारे बने हुए हैं. केजरीवाल पर यह आरोप लग रहे हैं कि वह अन्ना हजारे के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं.
जब 2011 में अन्ना का आंदोलन अपनी चरम पर था उस समय अन्ना के नाम पर लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए टीम अन्ना ने कई नई तरकीब अपनाई. अब जबकि टीम अन्ना का अहम हिस्सा रह चुके केजरीवाल ने अन्ना के खिलाफ जाकर अपनी नई पार्टी बनाई और चुनाव में कूदे, तब उन पर आरोप लग रहे हैं कि वह उन्हीं तरकीबों को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे अन्ना हजारे खासे नाराज हैं.
केजरीवाल को लिखे अपने पत्र पर स्पष्टीकरण देते हुए हजारे ने कहा, मुझे बताया गया था कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के दौरान मेरे नाम पर सिम कार्ड जारी किए गए थे, जिनकी बिक्री से कोष जुटाए गए. इससे मेरा कोई संबंध नहीं है. हजारे ने कहा, मैंने महसूस किया कि मेरे नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है, इसलिए मैंने पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा. उन्होंने कहा पैसों में मेरी कोई रुचि नहीं है, केवल मेरे नाम का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए.
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इसके अलावा अरविंद केजरीवाल एक और नई मुसीबत में फंसते दिखाई दे रहे हैं. बाजार में एक सीडी आई है. उस सीडी में अन्ना हजारे जो बातें कह रहे हैं उससे केजरीवाल पर अन्ना हजारे को ब्लैकमेल करने के आरोप लग रहे हैं. वैसे यह भी कहा जा रहा है चुनाव पूर्व आई इस सीडी से आम आदमी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के संवाददाता सम्मेलन में अन्ना हजारे के कथित समर्थक और महाराष्ट्र भाजपा का नेता होने का दावा करने करने वाले एक व्यक्ति ने ‘आप’ नेताओं पर काला पेंट फेंक दिया लेकिन केजरीवाल की टीम ने इस घटना को विरोधी पार्टी की साजिश करार दिया. केजरीवाल और उनकी पार्टी पर लग रहे आरोप में कितनी सच्चाई है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन फिलहाल वह चुनावी समर में अन्य राजनैतिक पार्टियों की तरह कीचड़ में सने हुए दिखाई दे रही है.
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