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सियासती मुद्दा बन गई 84 कोसी परिक्रमा !!

भारतीय राजनीति में नेता अपने फायदे के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हर तरह के पैंतरे को अपनाते हैं. उन्हें जहां भी गुंजाइश नजर आती है कि मतदाता उनके पक्ष में आ सकते हैं वह तुरंत अपना जाल फेंकना शुरू कर देते हैं. आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को देखते हुए जनता को लुभाने के लिए कोई प्याज की मंडी लगाकार बैठा है तो कोई पुराने मुद्दे को उभारने की कोशिश कर रहा है जिसे कभी दबा दिया गया था.


vhp 1विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) -Vishwa Hindu Parishad अयोध्या में प्रस्तावित 84 कोस की परिक्रमा करने जा रही है जिसने एक बार अयोध्या मुद्दा फिर गरमा दिया है. तमाम तरह की उठापठक के बाद उत्तर प्रदेश सरकार से इजाजत न मिलने के बावजूद वीएचपी परिक्रमा पर अड़ी है. इस दौरान अखिलेश सरकार ने कहा है कि यूपी के 6 जिलों में धारा 144 लागू रहेगी.


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क्या है मामला

बीते 30 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद ने 25 अगस्त से अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा की घोषणा की थी. इसको लेकर वीएचपी ने 17 अगस्त को समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह और मुख्यमंत्री अखिलेश से परिक्रमा की इजाजत मांगी थी. 19 अगस्त को उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी, जिसके बाद से ही परिक्रमा पर विवाद खड़ा हो गया.


क्या कहना है वीएचपी का

वीएचपी का मानना है कि 84 कोसी परिक्रमा एक परंपरागत धार्मिक यात्रा है जिस पर संतों ने कुंभ के अवसर पर प्रयाग में निर्णय लिया था. वीएचपी का कहना है कि इसका संबन्ध 2014 के आम चुनाव से नहीं है.

वहीं उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के प्रमुख सचिव आर. एम. श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 84 कोसी परिक्रमा परंपरागत रूप से चैत्र पूर्णिमा से बैसाख की पूर्णिमा के बीच होती है. उस हिसाब से यह यात्रा 25 अप्रैल से 20 मई के बीच हो चुकी है. ऐसे में वीएचपी की प्रस्तावित यात्रा से नई परंपरा की शुरुआत होगी, जिसे अनुचित मानते हुए राज्य सरकार ने इसे निकालने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है.


बीजेपी का समर्थन

इस मामले पर बीजेपी और आरएसएस ने विश्व हिंदू परिषद का पूरा समर्थन किया है. वीएचपी के साथ खड़ी दिख रही बीजेपी का कहना है कि समाजवादी पार्टी में कुछ कट्टरपंथी नेताओं की नाराजगी के मद्देनजर परिक्रमा पर पाबंदी लगाई गई है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा है कि यूपी सरकार को 84 कोस परिक्रमा यात्रा पर रोक लगाने की बजाए साधु संतों की पदयात्रा को सुरक्षा देनी चाहिए.


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वोट बैंक की सियासत

एक-दूसरे पर तीखे हमलों के बीच बीएसपी और कांग्रेस दोनों को पूरा मामला वोट बैंक की सियासत नजर आ रहा है. कांग्रेस ने तो भाजपा पर चुनाव जीतने के लिए राजनीति का सांप्रदायिककरण और ध्रुवीकरण का प्रयास करने का आरोप लगाया है.


क्या है 84 कोसी परिक्रमा

70 एकड़ में फैली 84 कोसी परिक्रमा 6 जिलों फैजाबाद, बाराबंकी, गोंडा, आंबेडकर नगर, बस्ती और बहराइच से होकर गुजरती है.

वीएचपी की प्रस्तावित 84 कोस की परिक्रमा 25 अगस्त को अयोध्या से शुरू होकर 13 सितंबर को अयोध्या में ही समाप्त होगी. यात्रा के दौरान 40 पड़ाव होंगे. अलग-अलग दिन अलग-अलग संत इस यात्रा में शामिल होंगे. यह यात्रा भजन-कीर्तन करते हुए चलेगी. जगह-जगह गोष्ठियां करके लोगों को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर न्यायालय के फैसले और राजनीतिक दलों की भूमिका की जानकारी दी जाएगी.


84 Kosi Yatra in Uttar Pradesh


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