प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ प्रवास के बाद वहाँ की भाजपा सरकार के नोटिस से चर्चा में आये अमित कटारिया सरकार के संकटमोचक रहे हैं. तुनकमिजाजी किंतु ईमानदार छवि वाले अमित कटारिया वर्ष 2004 बैच के अधिकारी हैं.
काला चश्मा लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई करने वाले कटारिया की छवि ऐसी है कि वो काम के दौरान कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं करते. उनकी छवि उस इलाके में चुस्त प्रशासक की रही है. रायगढ़ में काम करने के दौरान उन्होंने वरिष्ठ भाजपा नेता अब विधायक बन चुके रोशनलाल अग्रवाल को अपने कार्यालय से “गेट आउट” कहते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
रायपुर नगर निगम के आयुक्त के बतौर उन्होंने अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया. कई बार शहर का निरीक्षण करने के समय वो पैदल ही चल दिया करते थे. वो अमित कटारिया ही थे जिन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की महत्तवाकांक्षी आवासीय परियोजना के क्रियान्वयन में मुख्य भूमिका निभायी.
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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से एलैक्ट्रॉनिक्स में बी टेक अमित कटारिया के परिवार का दिल्ली और उसके निकटवर्ती क्षेत्रों में भू सम्पदा, शॉपिंग मॉल का कारोबार है. इससे पहले भी उनकी चर्चा इसलिये हुई क्योंकि कुछ समय तक अपने वेतन के रूप में वो मात्र एक रूपये लेते थे.Next….
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