कल तक अहिंसा का भाषण देने वाले बाबा रामदेव पर लगता है अनशन का टेंशन कुछ ज्यादा ही हो गया है. अनशन की टेंशन में बाबा रामदेव ने हरिद्वार से जारी अपने भाषण में कहा कि हम 11,000 पुरूष और महिलाओं को तैयार करेंगे ताकि अगली बार रामलीला मैदान में होने वाली लड़ाई में हम लोग हार नहीं जाएं. इन 11 हजार लोगों को हम शास्त्र और शस्त्रदोनों की शिक्षा देंगे.
यानि बाबा रामदेव ने अनशन की टेंशन और रामलीला मैदान से भगाए जाने के बाद यह बयान दिया. हालांकि उन्होंने जल्द ही इस मुद्दे पर माफी भी मांग ली और सफाई दी कि उन्होंने अहिंसा जैसे गांधीवादी सिद्धातों के आधार पर बल तैयार करने के परिप्रेक्ष्य में यह वक्तव्य दिया था. उनका आशय एक ऐसी सेना तैयार करना था जो रोजमर्रा के भ्रष्टाचार और खराब व्यवस्था से आत्म रक्षा, आम आदमी की रक्षा और हमारे राष्ट्र की रक्षा कर सके.
हालांकि बाबा रामदेव के इस बयान से कांग्रेस को एक बार फिर मुंह खोलने का मुद्दा मिल गया. कांग्रेस ने बाबा रामदेव के इस बयांन को राष्ट्र विरोधी करार दिया और कहा कि अगर बाबा रामदेव ने सेना तैयार की तो उनसे सख्ती से निपटा जाएगा.
अब बाबा तो कह रहे हैं कि उनसे यह शब्द गुस्से में निकल गए पर क्या करें कमान से निकले तीर और मुंह से निकले शब्द वापस थोड़े ना लिए जा सकते हैं. सो बाबा तो बुरे फंस गए और साथ ही अपने बयान से निरंतर पलटते जा रहे हैं.
बाबा रामदेव की सेना खड़ी करने की बात अन्ना हजारे को भी नहीं पची और उन्होंने कह दिया कि उनका आंदोलन अहिंसक ही रहेगा. साथ ही राजघाट पर हुए एक दिन के अनशन में भी बाबा रामदेव और अन्ना हजारे के बीच की दूरी दिख गई. रामलीला मैदान में हुई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ अनशन पर बैठे अन्ना व उनकी टीम ने रामदेव का नाम तक नहीं लिया. मंच से कई वक्ताओं ने कहा कि अन्ना के सामने रामलीला मैदान जैसी स्थिति बनी होती तो वह गिरफ्तारी दे देते. गौरतलब है कि बाबा ने वहां से भाग निकलने का दावा किया था.
खैर अभी तो बाबा रामदेव कुछ और धमाके जरुर करेंगे पर उनके एक बयान ने उनका काफी सपोर्ट खत्म कर दिया है. अगर बाबा रामदेव को सरकार को घेरना है तो जल्द ही कोई ठोस कदम उठाना होगा.
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