कहा जाता है ‘कोई भी जंग शांति से बड़ी नहीं होती.’ लेकिन बदकिस्मती से इस बात को जमीनी तौर पर माना नहीं जाता. क्योंकि अगर इस छोटी-सी बात पर अमल किया जाता तो शायद दुनिया भर की सेना घरों में अपने परिवार के साथ सुकून के साथ जीती. साथ ही ‘आंतकवाद’ जैसे घिनौने शब्द से कोई परिचित नहीं होता. लेकिन इन बातों से परे आज की दुनिया का हाल हम सबके सामने है. दूसरी ओर गौर करें तो इन जंगों से बच्चों का कुछ लेना-देना नहीं होता. लेकिन फिर भी बच्चों को लड़ाई में निशाना बनाया जाता है. ऐसी ही न जाने तमाम घटनाएं भारत समेत दुनिया भर में होती रही हैं.
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पिछले साल पाकिस्तान में पेशावर अटैक की दर्दनाक घटना ने कई मासूम बच्चों को मौत की नींद सुला दिया था. दुनियाभर में बच्चों पर किए गए इस निंदनीय हमले की कड़ी आलोचना की गई थी. वहीं दूसरी तरफ कई लोगों ने तालिबान को सालों से पाकिस्तान में पनाह देने को इस हमले का जिम्मेदार भी ठहराया था. बहरहाल देखते ही देखते इस घटना को एक साल गुजर गया लेकिन आंतकवाद जैसी समस्या जस की तस बनी हुई है. लेकिन इस हमले ने पाकिस्तान को अपनी नीतियों के बारे में एक बार फिर से सोचने का मौका जरूर दिया था लेकिन ऐसा लगता है कि पाकिस्तान सेना ने इससे कोई सबक नहीं लिया और बदले के नाम पर तालिबान के खिलाफ केवल खानापूर्ति ही की गई. ये बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तानी सेना का छुपा ही सही पर एक बड़ा हाथ रहा है. ऐसे में इस वीडियों में सन्देश देने के साथ अगर पाकिस्तानी सेना अपने रूख में सकरात्मक बदलाव करें तो दुनिया के सामने बेहतर नतीजे आ सकते हैं.
सौजन्य: ‘दुनिया न्यूज टीवी’) :
इस घटना की पहली बरसी पर पाकिस्तान सेना ने हाल ही में एक वीडियो जारी कर पेशावर हमले में मारे गए लोगों और बच्चों को श्रद्धांजलि दी है.‘बड़ा दुश्मन बना फिरदा है जो बच्चों से लड़ता है’ नाम से जारी किए गए इस वीडियों में बच्चों की कहानी और आतंक के प्रति उनके नजरिए को गाने के माध्यम से बखूबी पेश किया गया है. साथ ही इस वीडियो में बच्चों की मासूम आवाज से, मामले की गंभीरता को गाने द्वारा पेश किया गया है…Next
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