पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर और आरामदायक बनाने के लिए मेट्रो ट्रेन की सुविधा शुरू की गई। इससे एक ओर जहां यात्रियों का समय बचता है, वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक की समस्या से भी दो-चार नहीं होना पड़ता। मगर इस बेहतर सुविधा को यात्री ही कभी-कभी नुकसान पहुंचा देते हैं। ताजा मामला बैंगलुरू मेट्रो का है, जहां यात्रियों ने शरारत की वजह से मेट्रो को लाखों का चूना लगा दिया। आइये आपको बताते हैं कि किस तरह यात्रियों ने मेट्रो को इतना नुकसान कराया।
मेट्रो के 1.78 लाख टोकन चोरी
बैंगलुरू मेट्रो की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, टोकन गायब होने की वजह से पिछले 7 साल में मेट्रो को 35 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। आरटीआई में दी गई जानकारी में कहा गया है कि बैंगलुरू मेट्रो 2011 से अभी तक टोकन गायब होने की वजह से 10,739 यात्रियों से 8,62,328 रुपये जुर्माने के रूप में वसूल चुका है। मगर 1,67,320 टोकन नहीं मिल पाए हैं। यानी इतने टोकन यात्री अपने साथ घर ले गए हैं। यात्रियों से वसूले गए जुर्माने और गायब हो चुके टोकन को जोड़ लें, तो बैंगलुरू मेट्रो के कुल 1.78 लाख टोकन चोरी हो चुके हैं।
शरारत की वजह से करते हैं ऐसा
इस मामले पर बैंगलुरू मेट्रो का कहना है कि यात्री जानते हैं कि वे मेट्रो के टोकन का कोई इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। बावजूद इसके वे मजाक-मजाक में या फिर शरारत में यात्रा पूरी करने के बाद टोकन लेकर चले जाते हैं। यात्रियों की ऐसी शरारत की वजह से बैंगलुरू मेट्रो को 35 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। बता दें कि जिन यात्रियों से टोकन खो जाते हैं, उसके लिए उन्हें ही जुर्माना देना पड़ता है, लेकिन बहुत सारे यात्री टोकन को किसी ना किसी तरीके घर लेकर चले जाते हैं। इस तरह 1.78 लाख से ज्यादा टोकन गायब हो गए हैं।
ऐसे होती है टोकन की चोरी
कई यात्री एक्स्ट्रा टोकन खरीदते हैं और एक टोकन से एंट्री-एग्जिट करते हैं, बाकी टोकन वे अपने साथ घर लेकर चले जाते हैं। मेट्रो अधिकारियों को शक है कि टोकन का शानदार डिजाइन देखकर लोगों को यह काफी पसंद आता है, इसलिए लोग ऐसा करते हैं। टोकन खोने पर पहले 50 रुपये जुर्माना लगता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 200 रुपये कर दिया गया है, ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा कार्ड खरीदें…Next
Read More:
U-19 वर्ल्डकप फाइनल में अभी तक इन 5 खिलाड़ियों ने ठोके हैं शतकजब शूटिंग के दौरान घायल हुए ये 6 सितारे, कोई जल गया तो किसी की टूटी उंगली
कंगना की ‘मणिकर्णिका’ का विरोध, जानें क्या है इसके पीछे की असली वजह
Read Comments