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भंवरी देवी केस की हकीकत : सेक्स और राजनीति का गंदा कॉकटेल

राजस्थान का बहुप्रचलित भंवरी देवी केस अब बहुत जल्दी सुलझने वाला है. सीबीआई की मुस्तैदी ने इस हाई-प्रोफाइल केस को जिस तेजी से सुलझाया उससे उसकी विश्वसनीयता पर और अधिक भरोसा हुआ है. लेकिन इस केस की कड़ियों ने राजनीति में सेक्स के कॉकटेल को बेपर्दा कर दिया है.


Bhanwari Devi Sex Scandalभंवरी का भंवर सुलझा

सीबीआई ने बुधवार को दावा किया कि एएनएम भंवरी देवी का केस सुलझा लिया गया है. सीबीआई से जुड़े सूत्रों के मुताबिक भंवरी देवी की हत्या की साजिश राजस्थान के मंत्री महिपाल मदेरणा एवं विधायक मलखान सिंह विश्नोई ने रची थी, क्योंकि भंवरी इन दोनों को ब्लैकमेल करने के साथ ही सीडी सार्वजनिक करने के लिए धमका रही थी. सीबीआई और पुलिस का संयुक्त दल गुरुवार को जालोड़ा में भंवरी देवी को जलाने वाले गड्ढे और उसके आस-पास के क्षेत्रों में लाश के टुकड़े ढूंढने में जुटा रहा. साथ ही इंदिरा गांधी नहर और उसकी शाखाओं को खाली कराकर गोताखोरों की मदद से भी छानबीन कराई गई.



सेक्स और राजनीति का कॉकटेल (Bhanwari Devi Sex Scandal)

राजस्थान के मंत्री महिपाल मदेरणा एवं विधायक मलखान सिंह विश्नोई ने भारतीय राजनीति की ऐसी तस्वीर खींची है जिसके बाद शायद ही अब कोई नेताओं पर यकीन करेगा. वैसे भी भारत में नेताओं की छवि कुछ खास अच्छी नहीं है और उस पर से उन पर ऐसे दाग लोगों को हताश करते हैं.


बेवफाई का दर्द सहन नहीं कर पाईं सुनंदा पुष्कर



राजनीति में इस केस से पहले भी कई बार सेक्स का कॉकटेल देखने में आया है. एक बार जब इंसान नेता बन जाता है और वह नेता कामयाब होता है तो वह अपनी ताकत के नशे में अंधा हो जाता है. इस अंधेपन में वह वासना और शराब में पूरी तरह खोकर अपनी ताकत का नाजायज प्रदर्शन करता है. आज सब जानते हैं कि नेताओं और विधायकों की पार्टी शराब और शवाब के बिना अधूरी होती है. चाहे जम्मू-कश्मीर का सेक्स स्कैंडल हो या नारायण दत्त का सेक्स स्कैंडल हर जगह साफ होता है कि नेता किस तरह चमड़ी के शौकीन होते हैं.


रंगीनी है छाई….फिर भी है तन्हाई


इसके साथ अब हम यह नहीं कह सकते कि आज औरत अबला है. अब औरतें भी अपना सामाजिक दायरा तोड़ और मर्यादा को लांघ सफल होने की चाह में औरत जाति को कलंकित कर रही हैं. भंवरी देवी को मजबूर और बेबस कहना गलत होगा. उसने जो कुछ किया वह शायद अपनी मर्जी से ही किया. पहले आगे बढ़ने के लिए उसने मंत्री महिपाल मदरेणा और विधायक मलखान सिंह के साथ जिस्मानी रिश्ते बनाए और फिर जब इन लोगों ने उसकी मदद से इंकार किया तो ब्लैकमेल का घिनौना खेल खेला. जो अश्लील सीडी इस कांड में सामने आई उससे भी साफ होता है कि भंवरी देवी को इस सीडी के बारे में पता था. इस कहानी ने एक ऐसी सामाजिक धारणा को जन्म दिया है जिसे अभी तक लोग कल्पना या पश्चिमी देशों की सोच मानते थे. पश्चिमी देशों में महिलाएं अपने शरीर को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करती हैं और इसे सफलता की एक सीढ़ी मानती हैं. हालांकि भारत में ऐसा नहीं है. यहां महिलाएं अपनी इज्जत को अपना गहना मानती हैं. पर नई पीढ़ी की कुछ महिलाएं अब इस गहने को उतारने में कोई गुरेज नहीं करतीं. यह केस भारतीय समाज और भारतीय परंपरा पर करारा प्रहार करता है.


शायद सुनंदा पुष्कर की कहानी भी कुछ ऐसी ही है

तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नहीं

सगे भाई की दरिंदगी से हार गई वो मासूम


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