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जाएगी ‘आप’ की सरकार !!

2012 में जब अरविंद केजरीवाल ने अन्ना हजारे का साथ छोड़कर ‘आम आदमी पार्टी’ के जरिए राजनीति में कदम रखा था तभी कुछ लोगों को लगने लगा कि यह पार्टी मौजूदा राजनीतिक पार्टियों की तरह अपना रंग दिखाएगी. उनकी तरह ही भ्रष्ट नीतियों में लिप्त होगी, शासन-प्रशासन का गलत इस्तेमाल करेगी आदि.


दिल्ली विधानसभा चुनाव तक तो यह सोच बरकरार रही लेकिन चुनाव के परिणाम ने सब कुछ बदल दिया. वह लोग जो यह सोचते थे कि ‘आप’ पानी के बुलबुले की तरह है जो ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाएगी वही लोग हवा के झोंके की तरह इस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने लगे. इस छोटी सी पार्टी में लोगों को अपना सपना पूरा होने की उम्मीद दिखाई देने लगी. यही उम्मीद जहां आप पार्टी के लिए चुनौती बनी तो विरोधी पार्टियों के लिए उन्हें घेरने का मौका दिया.


binnyदिल्ली चुनाव से पहले जनता से बेहिसाब वादे करने वाली आम आदमी पार्टी को  सत्ता तो मिल गई लेकिन इन्हीं वादों ने पिछले एक महीनों से इनकी काफी किरकिरी की. पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए हुए कई वादों को तो पूरा किया लेकिन वह कितने असरदार होंगे यह आने वाला वक्त ही बताएगा. वैसे बिजली, पानी और महिला सुरक्षा तथा भ्रष्टाचार पर लिए गए फैसले शुरू से ही आप की सरकार के लिए विवाद का विषय रहे हैं.


हम लाख छुपाएं प्यार मगर………


हड़बड़ाहट में उन्होंने फैसले तो ले लिए लेकिन उसकी पूर्ति कैसे करेंगे यह विरोधी दलों के लिए बैठा बैठाया मुद्दा बन चुका है. कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आप ने जो फैसले लिए हैं उससे लोगों को भ्रम ज्यादा होते हैं. वैसे जितनी जल्दी आम आदमी पार्टी ने जनता की मांगों को पूरा करने में सक्रियता दिखाई है वैसी सक्रियता मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ की सरकारों ने नहीं दिखाई.


जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना ही केजरीवाल सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है यह नहीं कहा जा सकता. पार्टी के नेताओं के बगावती तेवरों ने ‘आप’ को संकट में ला खड़ा किया है. पांच विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के निष्कासित विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने रविवार को कहा कि अगर 48 घंटे में उनकी मांगें पूरी न की गईं, तो वे अरविंद केजरवील के नेतृत्व वाली सरकार को गिरा देंगे. वैसे बिन्नी मंत्री पद न मिलने की वजह से पहले भी विरोध कर चुके हैं.


जब इन्हें मौका मिला ट्रैजेडी क्वीन के साथ


क्या है बिन्नी की मांग

1. जल्द से जल्द बिजली और पानी से संबंधित मुद्दों का समाधान हो.

2. बिजली दरों में आठ फीसदी की बढ़ोत्तरी पर सब्सिडी देनी चाहिए.

3. उन्होंने आप सरकार को उसका वादा याद दिलाया कि केजरीवाल के प्रदर्शन के दौरान जिन एक लाख पांच हजार 200 लोगों ने ‘बढ़े हुए’ बिजली बिल का भुगतान नहीं किया था उनके बिल को माफ किया जाना चाहिए.

4. 700 लीटर से ज्यादा पानी का इस्तेमाल करने पर पूरे पानी का बिल वसूलने की बजाए 700 लीटर से जितना ज्यादा पानी इस्तेमाल हुआ उसी का बिल वसूला जाना चाहिए.

5. सरकार को वादे के मुताबिक महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला दस्ते का गठन करना चाहिए.


बिन्नी की इस मांग को राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है. आप के नेताओं का आरोप है कि कांग्रेस और बीजेपी आप की सरकार को चलने नहीं देना चाहते इसलिए वह आप के नेताओं को रिश्वत का लालच देकर सरकार के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं. दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर आम आदमी पार्टी के विधायक मदन लाल ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि पार्टी तोड़ने और अरविंद केजरीवाल की सरकार गिराने के लिए भाजपा के बड़े मंत्रियों ने 20 करोड़ रुपये की पेशकश की थी. लेकिन, अपने दावे को पुख्ता करने के लिए मदन लाल ने कोई सबूत पेश नहीं किया.


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