छोटन दास, मनीष दास और सबीर दास तीन भाइयों ने वह कर दिखाया जिसकी हिम्म्त बहुत ही कम लोग कर पाते हैं. इनकी सूझबूझ से हजारों रेल यात्रियों की जान बचाई गई. दरअसल रविवार रात पटना से कुछ ही दूरी पर मोकामा स्टेशन से डिब्रूगढ़ से नई दिल्ली जा रही 12423 राजधानी एक्सप्रेस गुजरने वाली थी लेकिन मोकामा स्टेशन पर लगभग एक फीट तक पटरी टूटी हुई थी. इस बात की जानकारी वहां मौजूद रेलवे के किसी भी अधिकारी के पास नहीं था.
छोटन दास, मनीष दास और सबीर दास तीनों भाई मोकामा स्टेशन पर किसी लोकल ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने देखा राजधानी एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर चार से गुजरने वाली है. किसी रेलवे कर्मचारी या अधिकारी के न होने की वजह से तीनों भाई तुरंत हरकत में आए और ट्रैक पर कूद गए तथा टॉर्च और लाल रंग के गमछे से ट्रेन के ड्राइवर को आपातकालीन संकेत देने लगे. ट्रेन के चालक ने संकेत मिलते ही आपातकालीन ब्रेक लगा दिया जिससे ट्रेन रुक गई. हालांकि मोकामा स्टेशन पर 12423 राजधानी एक्सप्रेस धीरे चल रही थी.
किसान की सूझबूझ से टला सम्भावित रेल हादसा
प्राथमिक जांच से पता चला है कि चार नंबर प्लेटफॉर्म से कमला-गंगा इंटरसिटी एक्सप्रेस को निकाला गया था. इसके बाद अप लाइन में डिब्रूगढ़ नई दिल्ली राजधानी को मोकामा में बिना रूके स्टेशन से निकाला जाना था. मेन लाइन का प्वाईंट बन नहीं पा रहा था इसलिए राजधानी को कॉमन लूप लाइन वाले चार नंबर प्लेटफार्म से निकाला जा रहा था जिसका सिग्नल भी दे दिया गया था लेकिन तीनों भाईयों की सूझबूझ से ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गई.
राजधानी एक्सप्रेस करीब 45 मिनट तक मोकामा में खड़ी रही. बाद में ट्रेन को पीछे कर अप मेन लाइन से निकाला गया. हादसे के बाद रेलकर्मियों ने टूटे ट्रैक की मरम्मत की. उधर हजारों नागरिकों की जान बचाने वाले तीनों भाईयों को प्रशासन पुरस्कार देने की बात कह रही है…Next
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