जिस तरह से बिहार में पिछले कुछ महीने से अलग-अलग घटनाएं घट रही थीं. और साथ ही नीतीश सरकार द्वारा समय पर सही कदम न उठा सकने से राज्य में उनके खिलाफ माहौल बन रहा था उसके बाद विपक्षी पार्टी आरजेडी के लिए एक राजनीतिक उम्मीद बन गई थी.
लालू प्रसाद यादव (Laloo Prasad Yadav) को दोषी करार दिया है. सजा तीन अक्टूबर को सुनाई जाएगी. लालू को कम से कम तीन और ज्यादा से ज्यादा सात साल की सजा हो सकती है.
अन्य को भी सजा
लालू प्रसाद यादव (Laloo Prasad Yadav) के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद, सांसद जगदीश शर्मा और पूर्व सांसद आरके राणा समेत कई रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों को दोषी करार दिया है. फिलहाल सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में लेकर रांची की जेल में भेज दिया जाएगा.
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लालू के लिए दुविधा
लालू प्रसाद यादव (Laloo Prasad Yadav) की चिंता की वजह है सुप्रीम कोर्ट का वह फैसला जिसके तहत अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो उनकी संसद सदस्यता रद्द हो जाएगी और साथ ही वह अगला चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे.
दरअसल पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में दागी सांसदों और विधायकों को जोरदार झटका देते हुए कहा था कि अगर सांसदों और विधायकों को किसी आपराधिक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद दो साल से ज्यादा की सजा हुई, तो ऐसे में उनकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द हो जाएगी.
क्या है चारा घोटाला
यह मामला 1996 में चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 70 लाख रुपये से भी ज्यादा की लूट का है तब बिना सप्लाई के पैसों का भुगतान कर दिया गया था. इस मामले की सीबीआई जांच में अपना नाम आने के बाद ही लालू प्रसाद यादव (Laloo Prasad Yadav) को 1997 में बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. पिछले 17 साल से यह मामला कोर्ट में चल रहा था.
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