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भारत की “शक्ति” से क्या है परेशानी !!

पिछले दिनों भारत ने अग्नि-5 लांच की. इसकी मारक क्षमता से घबराकर विश्व के कई देश भारत के खिलाफ राग अलापने लगे. चीन ने तो भारत की इस मिसाइल को बेहद खतरनाक और विश्व के लिए अशांति का एक अस्त्र मान लिया. उसे इसकी मारक क्षमता पर बहुत संदेह हुआ हालांकि मिसाइल लांच होने के कुछ ही देर बाद चीन के एक वरिष्ठ नेता ने प्रेस कांफ्रेस कर हिन्दी-चीनी भाई-भाई का राग अलापा. अब तो यह हर हिंदुस्तानी जानता है कि चीन हमसे कितना भाईचारा रखता है. उसने भाईचारे की पहली छाप 1962 में दी थी और समय-समय पर वह भाई होने का हक दिखाकर हमारी सीमाओं में घुसपैठ की नाकाम कोशिश करता है. खैर यहां इकलौता चीन ही नहीं है जो भारत की इस मिसाइल से खौफ खाए है.


चीन की परेशानी

चीन के रणनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की अग्नि-5 मिसाइल आठ हजार किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है. लंबी दूरी की मिसाइल का प्रक्षेपण यह दिखाता है कि भारत विश्व शक्ति बनने के लिए ठोस कदम उठा रहा है. चीन का कहना है कि भारत ने अपनी मिसाइल की क्षमता को इसलिए कम बताया है, ताकि दूसरे देश चिंता व्यक्त नहीं करें. मिसाइल की मारक क्षमता असल में आठ हजार किलोमीटर की दूरी तक है, न कि पांच हजार किलोमीटर तक जैसा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने दावा किया है.


Agni 5: A powerful Missile

भारत के इस प्रक्षेपण को लेकर चीनी विश्लेषक और मीडिया लगातार चर्चा कर रहे हैं. अखबारों में भारत ने ऐसी मिसाइल का परीक्षण किया जो शंघाई को निशाना बना सकती है, मिसाइल परीक्षण से चीन मारक क्षमता की परिधि में आया जैसे समाचार छापे जा रहे हैं.

माना जा रहा है कि लंबी दूरी तक मार करने वाली अग्नि-5 की सफलता के साथ ही भारत परमाणु हथियार और विमानवाहक पोत हासिल करने के बाद अंतत: सामरिक कौशल का तीसरा स्तर हासिल करने में सफल हो गया है. पर भारत को अपनी सुरक्षा के लिए कभी ना कभी तो ऐसे कड़े कदम उठाने ही पड़ते. इस समय चीन, अमेरिका और रूस जैसे देशों के पास उच्च तकनीक की जो मिसाइलें हैं उनके मुकाबले तो अभी भी भारत पीछे है. और ऐसा नहीं है कि भारत सुरक्षित है तो उसे किसी मिसाइल की जरूरत नहीं. पाकिस्तान, चीन, अफगानिस्तान जैसे देशों से करीबी की वजह से भारत को दोस्त और दुश्मन दोनों एक ही समय उपलब्ध मिलते हैं. ऊपर से समय-समय पर भारत पर आतंकवादी हमलों ने हमें यह सोचने पर विवश कर दिया है कि हम अपनी सामरिक शक्ति को बढ़ाएं.


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