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चीनी घुसपैठ का जवाब कैसे देगा भारत

china indiaपिछले 15 अप्रैल को लद्दाख के दौलत बेग ओल्दी में चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा में 10 किलोमीटर अंदर घुस आने और तंबू लगाकर रहने की घुसपैठ और आपत्तिजनक कार्य पर 2005 के प्रोटोकॉल संधि पर अमल करते हुए भारत ने घटना के 48 घंटे के भीतर मुद्दे पर आपसी बातचीत से सुलझाने की पहल करते हुए चीन के साथ बैठक बुलाई. हालांकि चीनी प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने भारतीय सीमा के अंदर चीनी सैनिकों द्वारा किसी भी घुसपैठ से इनकार किया है. वार्ता का कोई हल नहीं निकालते हुए चीन ने दौलत बेग से सेना की टुकड़ी हटाने से मना कर दिया है, जो भारत और चीन के राजनीतिक रिश्तों की दिशा में निश्चय ही चिंता का कारण है.


चीन और भारत का सीमा विवाद कोई नया नहीं है. दोनों ही देश हिमालय से सीमा साझा करते हैं. 1947 में आजादी के बाद जब जवाहर लाल नेहरू ने भारत का ऑफिशियल मानचित्र जारी किया तो उसमें कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को उसने अपना बताया. इसे लेकर 1962 में दोनों देशों में युद्ध भी हुआ.


वर्ष 2005 में इस पर कोई हल निकाल लिये जाने तक युद्ध की संभावना से दूर रहने के लिये दोनों देशों ने आपसी सहमति से प्रोटोकॉल संधि पर हस्ताक्षर किये. इस संधि के अनुसार विवादित सीमा पर किसी भी कार्रवाई से 15 दिन पहले दूसरे पक्ष को सूचित करना आवश्यक होगा. इसके अतिरिक्त ऐसी किसी भी स्थिति में दोनों देशों को अपनी भौगोलिक सीमा के अंदर रहते हुए मुख्यालय को सूचित करना होगा तथा दोनों देशों को सैन्य कारर्रवाई से दूर रहते हुए एक-दूसरे के साथ मर्यादित व्यवहार करना होगा. चीनी सत्ता के बदलाव और नए चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग के भारत से रिश्तों को लेकर सकारात्मक रुख दिखाने के बाद अचानक ये कदम आम समझ से परे है.


Tags: India-China border row, PLA, Shen Dingli, Fudan University.  India-China border row, Indian Army, People’s Liberation Army, Line of Actual Control, Daulat Beg Oldi sector, eastern Ladakh


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