कहते हैं अगर मन में जज्बा और बुलंद हौसलें हो तो इंसान क्या कुछ नहीं कर सकता. ऐसी ही अनोखी मिसाल देखने को मिली दिल्ली के कालकाजी मेट्रो स्टेशन पर, जहां पर एक सीआईएसएफ कांस्टेबल की सूझबूझ ने एक बच्ची को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया. दरअसल, विकास टिर्की नाम के ये सीआईएसएफ कांस्टेबल स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की चेकिंग कर रहे थे कि तभी उन्होंने एक बच्ची की चीख सुनी. सभी लोग एस्कलेटर की तरफ देख रहे थे और उनकी नजरें भी उस तरफ टिक गई.
उन्होंने देखा कि एक आठ साल की बच्ची एस्कलेटर पर लटक रही है उसके पैर हवा में झूल रहे थे. करीब 15 फीट हवा में लटकी ये बच्ची आसपास खड़े लोगों से बचाओ-बचाओ की पुकार कर रही थी, लेकिन वहां खड़े हुए लोगों को कुछ भी नहीं सूझ रहा था. बच्ची का हाथ इतनी तेजी से फिसल रहा था कि अगर कोई सीढ़ियों के रास्ते से ऊपर जाता तो शायद बच्ची को बचा पाना मुमकिन न होता. विकास एक्सलेटर की तरफ जा ही रहे थे कि बच्ची 15 फीट ऊंचाई से नीचे की तरफ फिसल गई.
सीआईएसएफ ने पूरी हिम्मत से आगे बढ़ते हुए बच्ची को कैच कर लिया. अगर समय रहते विकास आगे नहीं बढ़ते तो बच्ची फिसल कर सीधा फर्श पर गिर जाती. हादसे के बाद से बच्ची बहुत डरी हुई है लेकिन उसे बिल्कुल भी चोट नहीं आई है. वहीं दूसरी तरफ बच्ची के घरवाले इस सीआईएसएफ जवान का शुक्रिया अदा करते हुए नहीं थक रहे हैं.
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मौके पर मौजूद एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि बच्ची कुछ महिलाओं के साथ मेट्रो स्टेशन पर आई थी. चेकिंग के बाद बच्ची के साथ आए सभी लोग अंदर चले गए. इतने में सभी बातों में व्यस्त हो गए. उधर बच्ची एक्सलेटर पर चढ़ने लगी और थोड़ी देर में बच्ची डिसबेलैंस हो गई और ये घटना घट गई. जवान की सूझबूझ और हिम्मत ने एक दर्दनाक दुर्घटना होने से बचा लिया…Next
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