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डीएनडी सर्विस भी हुई फेल!


TRAIबड़े शोर शराबे के साथ सितंबर महीने में सरकार ने घोषणा की थी कि अब अनचाही कॉलों और एसएमएसों से छुटकारा मिल जाएगा पर कुछ ही दिनों में साफ हो गया कि टेक्नॉलॉजी के जमाने में इस तरह की गतिविधियों को रोका नहीं जा सकता.


दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने लगभग दो वर्षो की तैयारी के बाद इस महीने की शुरुआत से मोबाइल हैंडसेट पर आने वाली अनचाही कॉल या एसएमएस पर रोक लगा दी थी. इससे टेलीफोन ग्राहकों को राहत मिलने के आसार बने थे. कुछ दिनों तक ग्राहकों को अनचाही कॉल व एसएमएस कम भी हुए, लेकिन जल्द ही यह सिलसिला फिर से शुरू हो गया. अब हालत फिर लगभग पहले जैसी हो गई है. मार्केटिंग कंपनियों ने इस बार ज्यादा चालाकी दिखाते हुए इंटरनेट के जरिए ग्राहकों को परेशान करना शुरू कर दिया है.


हालांकि यह अभी छोटे स्तर पर है. पहले जिस तरह से एक साथ दस बीस एसएमएस आते थे वह अब कम होकर एक दो रह गए हैं पर इन पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं लग पाया है. इसके साथ ही अनचाही कॉलों पर भी रोकथाम लगी है.


इस बारे में कपिल सिब्बल के कथन भी पढ़ने लायक हैं. कपिल सिब्बल का कहना था कि इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जा सकती. उन्होंने कहा कि कंपनियां बहुत तेज हैं और वे अब इंटरनेट का इस्तेमाल कर रही हैं. अब अगर इंटरनेट का सर्वर विदेश में स्थित है तो फिर सरकार इसके खिलाफ कुछ भी नहीं कर सकती.


यानि कि साफ है सिब्बल साहब भी मानते हैं कि उनकी सरकार और ट्राई से ज्यादा समझदार यह टेलिमार्केटिंग कंपनियां हैं.


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