भारत में राम मंदिर निर्माण का फैसला अभी सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है लेकिन थाइलैंड में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है, थाईलैंड में भी राम मंदिर का निर्माण राम जन्मभूमि निर्माण न्यास ट्रस्ट की तरफ से किया जा रहा है। थाईलैंड के अयुथ्थ्या में राम जन्मभूमि निर्माण न्यास ट्रस्ट द्वारा भूमि पूजन और पूरे धार्मिक अनुष्ठान के बाद भव्य राममंदिर का निर्माण शुरू हो गया।
ऐसी है थाइलैंड की अयोध्या
थाईलैंड में अयोध्या के नाम से शहर है और उस शहर के किनारे प्रसिद्ध सोराय नदी के तट पर श्री राम का भव्य मंदिर बनाने को लेकर भूमि पूजन किया गया है। इतिहास के पन्नों को पलटें, तो 15वीं सदी में थाईलैंड की राजधानी को अयुथ्थ्या कहा जाता था, जिसे स्थानीय भाषा में अयोध्या कहा जाता है।
भारत में अयोध्या सरयू नदी के तट पर बसी है। जबकि यहां सोराय नदी के किनारे अयोध्या बसी है। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक को महेंद्र अयोध्या भी कहते है। ऐसा इसलिए कि लोगों का मानना है कि यह इंद्र द्वारा निर्मित महान अयोध्या है। यही कारण है कि थाईलैंड के जितने भी राजा हुए हैं। सभी इसी अयोध्या में रहकर कार्य करते हैं। 18वीं शताब्दी में जब बर्मा के सैनिकों ने शहर पर कब्जा किया तो एक नए शासक का उदय हुआ। उसने खुद को राम प्रथम कहा और एक शहर की स्थापना की जो आज बैकॉक के नाम से जाना जाता है। इसी राजा ने राम कियेन लिखी जिसे स्थानीय भाषा में रामायण कहा जाता है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय महाकाव्य का दर्जा दिया था।
थाइलैंड में हिंदू धर्म के प्रति है आस्था
दक्षिण पूर्व एशिया का बौद्ध बहुल देश थाईलैंड में हिंदू धर्म के प्रति आस्था भी देखने को मिलती है। थाईलैंड के लोग न केवल हिंदू मंदिरों और देवताओं में गहरी आस्था रखते हैं बल्कि अपने राजा को भी राम का वंशज होने मानकर उसे विष्णु का अवतार माना जाता है। थाई संस्कृति एवं साहित्य का रामायण और पुरुषोत्तम राम से इस कदर जुड़ाव है कि यहां के राजा अपने नाम के साथ राम लगाया करते थे। चक्री वंश के राजा के नाम के साथ भी राम शब्द जुड़ा है। अयोध्या पर पांच राजवंशों के 33 राजाओं ने शासन किया। थाइलैंड में ‘रामकियन’ नाटक को रामायण से जोड़कर देखा जाता है…Next
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