अन्ना हजारे के अनशन का सरकार पर बहुत गहरा असर पड़ा है. पहले केन्द्र सरकार ने उनकी अधिकांश मांगें मान ली और अब दिल्ली सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए दिल्ली में 15 सितंबर से सिटीजन चार्टर लागू करने का फैसला किया है. अन्ना की एक बड़ी मांग थी कि हर विभाग में सिटीजन चार्टर लागू किया जाए. अन्ना का मानना था कि ऐसा करने से आम आदमी को सरकारी कार्यों में हो रही देरी की शिकायत से मुक्ति मिलेगी.
आज देश में हालत यह है कि अगर आप राशन कार्ड बनवाने जाओ तो दो-तीन महीने आराम से लग जाते हैं जबकि यह काम ज्यादा से ज्यादा एक या डेढ़ महीने का होता है. उसी तरह आपका पहचान पत्र भी आपको काफी लंबे इंतजार के बाद मिलता है. इन सब कारणों और देरी की वजह से आम आदमी सोचता है कि चलो हजार-पांच सौ रिश्वत देकर काम जल्दी करा लिया जाए और यहीं से शुरू हो जाता है भ्रष्टाचार. इसके बाद कोई दूसरा जो बिना पैसे के काम करवाना चाहेगा उसको महीनों इंतजार करना पड़ेगा. सिटीजन चार्टर लागू होने से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ी जा रही जंग को निर्णायक मोड़ मिलेगा.
दिल्ली सरकार 15 सितंबर से अपने सभी कार्यालयों में सिटीजन चार्टर लागू करने जा रही है. तय समय सीमा में सभी सरकारी सेवाओं को पूरा करने संबंधी इस कानून को दिल्ली सरकार ने अमल में लाने के संबंध में पूरी तैयारी कर ली है. राष्ट्रमंडल खेल के आयोजन को लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी दिल्ली सरकार ने हाल ही में मुख्यमंत्री के पद को लोकपाल के दायरे में लाकर भ्रष्टाचार के विरोध में पहला बड़ा कदम उठाया था. इसके बाद अब सिटीजन चार्टर लागू करने की घोषणा कर मुख्यमंत्री ने इस दिशा में एक और उल्लेखनीय कदम आगे बढ़ाया है. सरकारी कार्यालयों में सिटीजन चार्टर लागू होना दिल्ली वासियों के लिए निश्चित ही बहुत राहत की बात होगी. इनमें अपना काम करवाने के लिए लोगों को अब ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी. उनका समय और धन बर्बाद नहीं होगा और भ्रष्टाचार पर भी काफी हद तक लगाम लगाई जा सकेगी. दिल्ली के साथ छत्तीसगढ़ सरकार ने भी सिटीजन चार्टर को लागू करने का निर्णय लिया है.
कानून का पालन न करने वाले सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माने से लेकर सजा तक का प्रावधान है. दिल्ली नगर निगम में हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा कानून बनाए जाने के बाद सिटीजन चार्टर लागू होगा, लेकिन ई-गवर्नेंस यहां पहले से ही लागू है. अधिकांश विभागों में बायोमीट्रिक मशीनों द्वारा हाजिरी लगाई जाती है और ई-गवर्नेस के तहत स्वयं ही तनख्वाह भी बन रही है. लेकिन वर्तमान व्यवस्था में समय पर काम न करने पर किसी तरह का जुर्माना आदि नहीं लगाया जाता.
एक खबर के अनुसार कार्य में देरी होने के कारण संबंधित कर्मचारी को प्रतिदिन के हिसाब से करीब 10 रूपए का जुर्माना और अधिक देरी होने पर सजा का भी प्रावधान रखा गया है. कार्यों में देरी की रिपोर्ट भी आपको मिलेगी और सबसे खास बात तो यह है कि अगर आप किसी विभाग में अपने कार्य को लेकर हो रही देरी के बारे में शिकायत करते हैं तो आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा. अगर आप कोई सार्टिफिकेट बनवा रहे हैं तो उसकी ताजा स्थिति दिल्ली सरकार की वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है.
किस कार्य को कितना समय दिया गया
राशन कार्ड: 45 दिन
रेवेन्यू विभाग से जुड़े सर्टिफिकेट: 21 दिन
बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट: 7 दिन
जाति प्रमाणपत्र: 21 दिन
लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस: 1 दिन
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