कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) की सेवाओं पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने रोक लगा दी है। उसकी ओर से यह कदम डाटा लीक की खबरों के बीच उठाया गया है। संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह कदम सिस्टम की जांच लंबित होने की वजह से उठाया गया है। उसने डाटा लीक की किसी भी आशंका को खारिज किया है।
कथित चिट्ठी के बाद आया बयान
कर्मचारी भविष्यग निधि संगठन की ओर से बयान ईपीएफओ के सेंट्रल प्रोविडेंट फंड कमिश्नऋर वीपी जॉय की सीएससी के सीईओ दिनेश त्या गी को 23 मार्च को लिखी कथित चिट्ठी के बाद आया है। जिसमें डाटा चोरी की आशंका जताई गई थी। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक जन सुविधा केंद्र की सेवाओं पर रोक की जानकारी देते हुए ईपीएफओ ने कहा है कि ‘डाटा या सॉफ्टवेयर में कमियों के बारे में चेतावनी सामान्यय प्रशासनिक प्रक्रिया है जिसके आधार पर सीएससी के जरिए दी जाने वाली सुविधाओं को 22 मार्च, 2018 से रोका गया है।’
डाटा लीक रोकने को पर्याप्ता इंतजाम
ईपीएफओ की ओर से कहा गया है कि चिंता करने की कोई बात नहीं है व किसी भी तरह के डाटा लीक को रोकने के लिए पर्याप्ता इंतजाम किए गए हैं। बयान के मुताबिक डाटा सुरक्षित रहे इसके लिए ईपीएफओ पहले ही कदम उठा चुका है। जब तक कि सिस्टैम में कमियों की जांच पूरी नहीं हो जाती सर्वर व सीएससी पर होस्टी सेवाएं बंद की जा चुकी हैं। यह बयान उन रिपोर्टों के बीच आया है जिनमें दावा किया गया है कि हैकर्स ने इलेक्ट्रा निक्सी व आईटी मंत्रालय के तहत आने वाले सीएससी की तरफ से चलाई जाने वाली वेबसाइट aadhaar.epfoservices.com से लोगों का डाटा चुरा लिया है। रिपोर्टों के मुताबिक जॉय की ओर से लिखी कथित चिट्ठी में वेबसाइट में कमियों का फायदा उठाकर हैकरों के डाटा चुराने की बात कही गई है।
पेपरलेस होने की तैयारी में ईपीएफओ
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की योजना इस वर्ष अगस्ते से पेपरलेस होने की है। जब सभी सेवायें ऑनलाइन प्रदान की जाएंगी। सेवाओं में सुधार के लिए संगठन इन दिनों अपने ग्राहकों के यूनिवर्सल एकाउंट (पीएफ) नंबर को आधार से जोड़ रहा है। आधार जारी करने वाली संस्थान यूआईडीएआई ने भी साफ किया है कि उसके सर्वर पर मौजूद डाटा से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है वह आधार डाटाबेस पूरी तरह सुरक्षित है।
दोबारा होगा सिक्योरिटी ऑडिट
ईपीएफओ प्रमुख की चिट्ठी के बारे में पूछे जाने पर आईटी मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि कमियों की ओर इशारा किया गया है इसलिए मंत्रालय उन्हेंय दूर करने के लिए आवश्येक कदम उठाएगा। सीएससी के सीईओ दिनेश त्याऑगी ने पीटीआई को बताया है कि एप्लीाकेशन सीएससी ने डिजाइन किया है जो ईपीएफओ के डाटा सेंटर व सर्वर पर होस्टा है। वह पूरी तरह ईपीएफओ के नियंत्रण में है जिसका सिक्योएरिटी ऑडिट किया जा चुका है। हालांकि कमियों की ओर इशारा किया गया है इसलिए उसका दोबारा दूसरे ऑडिटर से ऑडिट कराकर ईपीएफओ को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
कुल 114 सरकारी वेबसाइट हैक की गईं
मार्च महीने में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की तरफ से लोकसभा में दिए जानकारी के अनुसार अप्रैल 2017 से लेकर जनवरी 2018 के बीच कुल 114 सरकारी वेबसाइट हैक की गईं। गौरतलब है कि 6 अप्रैल को रक्षा, गृह और कानून मंत्रालय वगैरह की वेबसाइटों को हैक करने की खबरें आईं, लेकिन सरकार ने उनको हार्डवेयर की समस्या बताकर खारिज कर दिया था।…Next
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