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आधार कार्ड वेरिफिकेशन के लिए चेहरे की पहचान होगी जरूरी, 15 सितम्बर से पहला चरण : UIDAI

आधार कार्ड को और भी ज्यादा विश्वसनीय बनाने के लिए यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने एक और कदम उठाया है। आधार के किसी भी इस्तेमाल के लिए अब चेहरे की पहचान होना भी जरूरी होगा। नए सिम, बैंक आदि में पहचान पत्र के तौर पर दिए जाने वाले आधार के साथ यह नया फीचर भी लागू होने वाला है। फिंगर प्रिंट और आईरिस स्कैन के अलावा चेहरा मिलान एक अडिशनल फीचर होगा। UIDAI का कहना है कि यह फीचर आधार को सुरक्षा की एक अतिरिक्त लेयर प्रदान करता है।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal24 Aug, 2018

 

 

आधार में होंगे ये जरूरी बदलाव
नए और डुप्लीकेट सिम कार्ड्स, बैंक में आधार वेरिफिकेशन, पीडीएस राशन की दुकानों, सरकारी ऑफिस में अटेंडेंस जैसे अहम चीजों के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा। फिलहाल यह केवल नए सिम के लिए जरूरी होगा। 15 सितंबर से कम से कम 10 फीसदी ऑथेन्टकैशन चेहरे की पहचान के जरिए किए जाएंगे।
ऐसे में फेस आईडेंटिफिकेशन पर कई लोगों के मन में सवाल है कि क्या चेहरे में बदलाव, चोट, हेयरस्टाइल आदि के चलते पहचान में क्या कोई परेशानी नहीं होगी, इसपर यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया का कहना है कि ये यूनिक सिस्टम इतना ज्यादा प्रभावी होगा कि इससे इन परिवर्तनों के चलते कोई परेशानी नहीं होगी। 15 सितंबर से दूरसंचार सेवा कंपनियों को महीने में कम से कम 10 प्रतिशत सत्यापन चेहरे का लाइव (सीधे) फोटे से मिलान करके करना अनिवार्य होगा। इस प्रकार का सत्यापन इससे कम अनुपात में हुआ तो प्रति सत्यापन 20 पैसे का जुर्माना लगाया जाएगा।

 

 

ऐसा न करने पर मोबाइल कंपनियों पर लग सकता है जुर्माना
यूआईडीएआई ने इससे पहले चेहरा पहचानने का फीचर एक जुलाई से लागू करने की योजना बनाई थी। इसके तहत मोबाइल सिमकार्ड के लिए आवेदन के साथ लगाए गए फोटो को संबंधित व्यक्ति के सामने लिए गए फोटे से की जाएगी। यूआईडीएआई ने इस तय लक्ष्य को पूरा नहीं करने वाली दूरसंचार कंपनियों पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव किया है। यूआईडीएआई ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों के अलावा अन्य सत्यापन एजेंसियां के लिए चेहरा पहचानने की सुविधा के क्रियान्वयन के बारे में निर्देश बाद में जारी किए जाएंगे…Next

 

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