आज दुनिया यह देख रही है कि किस तरह से कुछ मुट्ठी भर लोग एक बड़े समूह के विश्वास और भक्ति का फायदा उठा रहे हैं. इन सबमे सबसे आगे देश में लाखों की संख्या में फैले बाबा. वैसे ऐसी क्या वजह है कि जिससे लोग इन बाबाओं की ओर आसानी से आकर्षित हो जाते हैं.
मनोवैज्ञानिकों की माने तो वे लोग सबसे अधिक बाबाओं की ओर आकर्षित होते हैं जो अपने परिवार और रोजगार की वजह से परेशान और निराश रहते हैं. यहां खुद को परेशान देख व्यक्ति बिना किसी तर्क और विवेक के त्वरित समाधान ढूंढ़ने लगता है ऐसे में वह आसानी से किसी भी बाबा की तरफ मुड जाता हैं. बाबाओं के आश्रम में जब व्यक्ति प्रवेश करता है तब ऐसी परिस्थितियां बनाई जाती है जिससे वह व्यक्ति बाबाओं के चुंगल से बाहर न आ पाए.
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संतो और बाबाओं की ओर आकर्षित होने की एक अन्य वजह है इनके द्वारा संचालित होने वाले टेलिविजन प्रोग्राम. आज बाबाओं ने मीडिया को अपने अनुसार इस्तेमाल करना बखूबी सीख लिया है. टीवी चैनलों के जरिए वे आसानी से अपनी मनचाही छवि प्रस्तुत करते हैं और लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं.
इन चैनलों पर बाबाओं की इस तरह से महिमामंडल की जाती है जिससे उनके भक्त उन्हें धर्म, योग, अध्यात्म और कई बार ईश्वर के प्रतीक मानने लगे. सामाचार चैनलों पर भी ऐसे बाबा पैसे देकर अपने प्रवचन या समागमों का प्रसारण करवाते हैं. इन समागमों में आपको कई लोग यह कहते दिखेंगे कि ‘बाबा की कृपा से हमारा कल्याण हो गया. लोगों के ऐसे अनुभवों से अन्य लोग भी आसानी से प्रभावित हो जाते हैं. बाबाओं ने न केवल टेलिविजन मीडिया बल्कि इंटरनेट को भी अपना प्रचार करने का जरिया बना लिया है. लगभग सभी बड़े बाबाओं की अपनी वेबसाइटें हैं.
वैसे कई बार बाबाओं के भक्त भी लोगों को सलाह देते हुए मिल जाते हैं कि आपको अपनी सुख-शांति के लिए फला बाबा के पासा जाना चाहिए. लोग पहली बार में तो ऐसे भक्तों से आकर्षित नहीं होते लेकिन बार-बार के प्रयास के बाद उन्हें वहा जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
बाबाओं को प्रचारित करने में कई बड़े कारोबारियों का भी हाथ है. दरअसल देश के सभी बड़े बाबा जब कभी दूसरे शहर जाते हैं तो वह किसी साधारण से घर में न रहकर आलीशान होटलों में ठहरते हैं और इसके लिए उनसे पैसे भी नहीं लिया जाता. माना यह भी जाता है कि ये होटल मालिक इन बाबाओं को अपने होटलों में ठहराने के लिए मोटी रकम भी देते हैं. इससे बाबाओं को फायदा तो होता ही है साथ ही होटल का भी प्रचार होता है जिससे आने वाले समय में बाबा के लाखों समर्थक भी उसी होटल में ठहरने को अपना सौभाग्य मानते हैं. ठीक इसी तरह से कई अन्य कारोबारी भी अपना कारोबार बाबा की भक्ति की आड़ में खूब चमकाते हैं.
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